अखिलेश ने माना शिवपाल से है झगड़ा लेकिन पारिवारिक नहीं सरकारी

लखनऊ: समाजवादी पार्टी में जारी अंदरूनी कलह को सुलझाने के लिए पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह ने अखिलेश यादव और शिवपाल यादव को दिल्ली बुलाया है, हालांकि खबर है कि अखिलेश यादव दिल्ली नहीं गए हैं जबकि शिवपाल मुलाकात के लिए रवाना हो चुके हैं. आज पिछले कुछ दिनों से जारी खिंचतान खुलकर सामने तब आ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 14, 2016 1:16 PM

लखनऊ: समाजवादी पार्टी में जारी अंदरूनी कलह को सुलझाने के लिए पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह ने अखिलेश यादव और शिवपाल यादव को दिल्ली बुलाया है, हालांकि खबर है कि अखिलेश यादव दिल्ली नहीं गए हैं जबकि शिवपाल मुलाकात के लिए रवाना हो चुके हैं. आज पिछले कुछ दिनों से जारी खिंचतान खुलकर सामने तब आ गई जब अखिलेश के चाचा शिवपाल यादव ने प्रेस कॉफ्रेंस करके नेताजी पर सारी जिम्मेदारी डाल दी. उनके इस कॉफ्रेंस के कुछ घंटों के बाद ही सूबे के मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव भी मीडिया से रु-ब-रु हुए और कहा कि यह झगड़ा सरकार का है परिवार का नहीं…

उन्होंने एक पत्रकार के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि कहां से आपको लगता है कि यह परिवारिक झगड़ा है ? यह झगड़ा सरकार में है… परिवार में नहीं… अखिलेश ने कहा कि घर क्या और बाहर क्या, लोग हस्तक्षेप करेंगे तो सरकार कैसे चलेगी…

अखिलेश ने कहा कहा कि कुछ निर्णय मैं नेताजी के साथ बात करके लेता हूं जबकि कुछ निर्णय मैं खुद लेता हूं…

आपको बता दें कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवपाल यादव से कई अहम मंत्रालयों का प्रभार छीन लिए जाने के बाद उनके प्रदेश कैबिनेट से इस्तीफा देने की अटकलों के बीच शिवपाल ने आज कहा कि विभाग देना या लेना मुख्यमंत्री का अधिकार होता है और वह मुलायम सिंह यादव के फैसले का पालन करेंगे. शिवपाल के इस्तीफे संबंधी अटकलों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘पोर्टफोलियो देना (या लेना) और अधिकारियों को हटाना और अपने सलाहकारों को रखना मुख्यमंत्री का अधिकार है. मैं नेताजी के निर्देश का पालन करुंगा और उनके द्वारा दी गई जिम्मेदारियों को पूरा करुंगा.’

यह पूछे जाने पर कि वह आगे क्या करेंगे, शिवपाल ने कहा, ‘‘मैं नेताजी से बात करुंगा. राज्य के लोगों को नेताजी और समाजवादी पार्टी पर पूरा भरोसा है.’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं लखनऊ जाउंगा और (पार्टी कार्यकर्ताओं से) बातचीत करुंगा. हम मिलकर चुनाव लडेंगे.’ शिवपाल के इस्तीफे देने की अटकलों के बीच उनके हजारों समर्थक उनके प्रति एकजुटता दिखाने के लिए सैफई में उनके आवास और पीडब्ल्यूडी अतिथिगृह के बाहर एकत्र हुए.

गौरतलब है कि अखिलेश यादव को कल पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था और शिवपाल को उनकी जगह यह प्रभार सौंपा गया था जिसके कुछ ही घंटों बाद मुख्यमंत्री ने अपने चाचा से कल अहम मंत्रालय छीन लिए थे. मुलायम सिंह यादव परिवार के मतभेद कल उस समय खुलकर सामने आ गये थे जब मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शिवपाल के निकट समझे जाने वाले मुख्य सचिव दीपक सिंघल को उनकी नियुक्ति के मात्र दो महीने बाद बर्खास्त कर दिया था. इसके बाद सपा सुप्रीमो ने अपने बेटे को सपा प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया था और उनके स्थान पर शिवपाल को अध्यक्ष नियुक्त किया गया.

मुलायम द्वारा अपने भाई एवं वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव को उत्तर प्रदेश का अध्यक्ष नियुक्त किए जाने के कुछ घंटों बाद नाराज मुख्यमंत्री ने अपने चाचा शिवपाल से लोक निर्माण विभाग, सिंचाई एवं सहकारी विभाग छीन लिये थे. अखिलेश और शिवपाल के मतभेद कई मौकों पर सामने आये हैं, जिसमें राज्य के मुख्य सचिव रहे आलोक रंजन का कार्यकाल समाप्त होने के बाद की इस पद पर नियुक्ति के लिए अधिकारी के चयन और सपा के साथ कौमी एकता दल का विलय रोकने की बात भी शामिल है. सिंघल इससे पहले प्रमुख सचिव (सिंचाई) रह चुके हैं, जो विभाग शिवपाल के पास था.

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