मायावती का बड़ा हमला: ‘ड्रामेबाजी” बंद कर राजनीति से सन्यास ले लें मुलायम

लखनऊ : समाजवादी पार्टी (सपा) में जारी जंग के बीच बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने पार्टी प्रमुख पर करारा प्रहार किया है. उत्तर प्रदेश में सत्तारुढ सपा में जारी तनातनी को ‘ड्रामेबाजी’ बताते हुए आज कहा कि अगर इसमें सचाई है तो जनता के व्यापक हित में सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 15, 2016 2:20 PM

लखनऊ : समाजवादी पार्टी (सपा) में जारी जंग के बीच बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने पार्टी प्रमुख पर करारा प्रहार किया है. उत्तर प्रदेश में सत्तारुढ सपा में जारी तनातनी को ‘ड्रामेबाजी’ बताते हुए आज कहा कि अगर इसमें सचाई है तो जनता के व्यापक हित में सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव को पुत्रमोह त्याग कर सक्रिय राजनीति से तुरन्त सन्यास ले लेना चाहिये.

मायावती ने बसपा राज्य मुख्यालय पर वरिष्ठ पदाधिकारियों की बैठक में कहा ‘सपा के परिवार के दर्जनों लोग किसी-ना-किसी रुप में राजनीति में शामिल हैं और उन सबके अपने-अपने स्वार्थ हैं. ऐसे में सपा परिवार की आपसी घमासान, कलह तथा गम्भीर विवादों की समय-समय पर आने वाली खबरें चुनाव के समय जनता का ध्यान बाँटने के लिये ड्रामेबाजी के रुप में होती हैं.”

उन्होंने कहा ‘‘फिर भी अगर इसमें सचाई है तो प्रदेश की जनता के व्यापक हित में सपा परिवार के मुखिया मुलायम सिंह यादव को पुत्रमोह त्याग कर सक्रिय राजनीति से तुरन्त सन्यास ले लेना चाहिये.” मालूम हो कि विगत कुछ महीनों से गम्भीर मतभेदों से दो-चार मुलायम परिवार का द्वंद्व गत 13 सितम्बर को उस समय बढ गया था, जब मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रदेश के मुख्य सचिव दीपक सिंघल को हटा दिया था. सिंघल अखिलेश के चाचा कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव के करीबी समझे जाते हैं.

जैसे को तैसा की तर्ज पर मुलायम ने बेटे अखिलेश से प्रदेश सपा अध्यक्ष का पद छीनकर शिवपाल को दे दिया, लेकिन कुछ ही घंटों में मुख्यमंत्री अखिलेश ने शिवपाल से लोक निर्माण, सिंचाई और सहकारिता जैसे महत्वपूर्ण विभाग छीन लिये थे. सपा के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव ने आज स्वीकार किया कि अखिलेश को बताये बगैर प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाना पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व की गलती थी.

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