लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अनुशासनहीनता के आरोप में हाल में समाजवादी पार्टी से निकाले गये अपने युवा साथियों की दल में वापसी की उम्मीद जाहिर करते हुए विश्वास जताया कि पार्टी नेतृत्व इस बारे में विचार करेगा. मुख्यमंत्री ने मेगा काल सेंटर के लोकार्पण के अवसर पर संवाददाताओं से कहा कि मैं समझता हूं कि नौजवानों ने हमारे पक्ष में नारे लगाये थे, किसी के खिलाफ नहीं. हमें उम्मीद है कि पार्टी के अनुभवी नेता इस पर विचार करेंगे और हमारे आंदोलन के साथी युवाओं को वापस पार्टी में लाया जाएगा.
शिवपाल ने पार्टी से निकाला था
मालूम हो कि गत 19 सितम्बर सपा के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने विधान परिषद सदस्य सुनील सिंह यादव, आनन्द भदौरिया तथा संजय लाठर और मुलायम सिंह यूथ ब्रिगेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष गौरव दुबे एवं प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद एबाद, युवजन सभा के प्रदेश अध्यक्ष बृजेश यादव और समाजवादी छात्रसभा के प्रान्तीय अध्यक्ष दिग्विजय सिंह देव को को पार्टी मुखिया मुलायम सिंह यादव के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने समेत कई आरोप लगाकर पार्टी से निष्कासित कर दिया था. सुनील सिंह यादव, आनन्द भदौरिया और संजय लाठर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बेहद विश्वासपात्र माने जाते हैं. वर्ष 2012 के दौरान अखिलेश के चुनाव प्रचार अभियान में वे उनके साथ थे.
कॉल सेंटर की शुरुआत
अखिलेश को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाकर उनकी जगह शिवपाल को जिम्मेदारी दिये जाने के बाद गत 17 सितम्बर को सपा के सभी युवा संगठनों के कार्यकर्ताओं ने पार्टी राज्य मुख्यालय के बाहर अखिलेश के समर्थन में नारेबाजी की थी। इस दौरान सपा मुखिया के खिलाफ भी नारेबाजी हुई थी. मुख्यमंत्री ने काल सेंटर का लोकार्पण करने के बाद कहा कि मैं यह काल सेंटर बहुत पहले खोलना चाहता था. जब जावेद उस्मानी साहब मुख्य सचिव थे, तब हमने इस बारे में उनसे कहा था. उन्होंने कहा था कि बहुत सारे कॉल आएंगे और बहुत सारे जवाब देने होंगे. हालांकि यह खुशी की बात है कि विधानसभा चुनाव से पहले यह काल सेंटर शुरू हो गया है, जिससे जनता सरकार द्वारा शुरू की गयी विकास योजनाओं के बारे में बेहतर जानकारी हासिल कर सकेगी.
लड़ाई कोई समाधान नहीं-अखिलेश
अखिलेश ने एक अन्य सवाल पर कहा कि भारत को पाकिस्तान से बातचीत का रास्ता बंद नहीं करना चाहिये. उन्होंने कहा समाजवादियों ने हमेशा पड़ोसियों से अच्छे रिश्तों की पैरोकारी की है. कहां पर सख्ती दिखानी है और कहां बातचीत करनी है, यह तो सरकार तय करती है, लेकिन बातचीत से बड़ी-बड़ी समस्याओं का समाधान हो सकता है. पाकिस्तान को दिया जाने वाला विभिन्न नदियों का पानी बंद किये की चर्चाओं के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा पाकिस्तान भारत से ही अलग होकर बना है. यह समझौते आज के नहीं बहुत पुराने हैं. अभी आप पानी रोकेंगे, आपके हाथ में है और क्या करेंगे. कुछ छीनना या लड़ाई करना कोई समाधान नहीं है.