बुलन्दशहर : सड़क परिवहन, राजमार्ग एवं जहाजरानी मंत्री नितिन गड़करी ने कहा है कि 21वीं सदी तक भारत को विश्व शक्ति बनाना मोदी सरकार का लक्ष्य है. उन्होंने कहा कि 5 वर्ष के कार्यकाल में अपने मंत्रालय के माध्यम से 25 लाख करोड रुपये के काम कराने का लक्ष्य निर्धारित किया है. 869 करोड़ रुपये की लागत से मेरठ बुलन्दशहर खंड के 4 लेन सड़क का चौड़ीकरण का शिलान्यास करने यहां आए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश में पैसे की नहीं बल्कि काम करने की इच्छाशक्ति की कमी है. उन्होंने कहा कि पारदर्शिता, भ्रष्टाचार मुक्त प्रणाली विकसित करना, गुणवत्ता के साथ निर्माण कार्यों की लागत कम करना उनका लक्ष्य है.
पीएम मोदी ने दिया है लक्ष्य
उन्होंने कहा कि दिल्ली में 15 हजार करोड़ रुपये की लागत से निर्माणाधीन रिंग रोड को 400 दिन में पूरा करने का लक्ष्य प्रधानमंत्री मोदी ने उनको दिया है. इसके निर्माण से प्रदूषण के साथ यातायात जाम की समस्या से भी निजात मिलेगी. गड़करी ने कहा कि यह देश किसानों का है और मोदी सरकार गांव किसान की समस्याओं के समाधान के लिए तत्पर है. केंद्र सरकार ने निर्णय लिया है कि यदि सड़क परियोजनाओं के लिए किसानों की जमीन ली जाएगी तो शहरी क्षेत्र में दोगुना व ग्रामीण क्षेत्र में चार गुना मुआवजा दिया जाएगा. मेरठ बुलन्दशहर राजमार्ग की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि यह रोड सीमेंट की बनेगी.
सीमेंट का बनेगा रोड
गडकरी ने कहा कि जब उनके मंत्रालय ने देश में सीमेंट रोड बनाने का निर्णय लिया तब सीमेंट निर्माताओं ने सीमेंट का दाम 300 रुपये से बढ़ाकर 350 रुपये कर दिया. इसके बावजूद सरकार ने हिम्मत नहीं हारी. वर्तमान में सरकार के पास 140 रुपये प्रति बोरी की दर से खरीदा गया 285 लाख टन सीमेंट स्टोर में है. सड़क सुरक्षा पर जोर देते हुए गड़करी ने कहा कि पूरे देश में दुर्घटना के स्थान चिन्हित किए गए हैं और सड़क दुर्घटना रोकने के लिए 11 हजार करोड़ रुपये की योजना बनी है. जहाजरानी मंत्री ने कहा कि वे आवश्यकता पड़ने देश पर देश में ड्राइ पोर्ट भी बनवायेंगे.
कोयले से यूरिया खाद का निर्माण
पेट्रोल डीजल पर निर्भरता खत्म करने का प्लान कोयले से यूरिया खाद निर्माण का प्रस्ताव है. ऐसा होने से यूरिया के दामों में 50 प्रतिशत की कमी आएगी. गड़करी ने कहा कि देश की जनता भले ही गरीब हो, किन्तु देश में धन की कमी नहीं है, आवश्यकता योजनाबद्ध ढंग व पूरी पारदर्शिता से काम करने की है. सड़क परिवहन मंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार के समय में दो किलोमीटर प्रतिदिन सड़क निर्माण होते थे, वर्तमान में 22 किलोमीटर प्रतिदिन का औसत है, जिसे 42 किलोमीटर करने की योजना है. पेट्रोलियम पदार्थों की बचत के लिए देश में एथनोल निर्माण में तेजी लाई जा रही है, जिससे पेट्रोल डीजल पर निर्भरता खत्म होगी.