सपा के निलंबित विधायक के खिलाफ रंगदारी और अपहरण का मामला दर्ज

बदायूं : उत्तर प्रदेश के बदायूं सदर क्षेत्र से सपा के निलंबित विधायक आबिद रजा और उनके प्रतिनिधि अजहर सिद्दीकी के खिलाफ अपहरण और रंगदारी के आरोपों में मामला दर्ज किया गया है. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुनील सक्सेना ने आज यहां बताया कि बिनावर थाना क्षेत्र के कुतुबपुर थरा गांव निवासी किसान निहालउद्दीन का कहना […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 8, 2016 1:54 PM

बदायूं : उत्तर प्रदेश के बदायूं सदर क्षेत्र से सपा के निलंबित विधायक आबिद रजा और उनके प्रतिनिधि अजहर सिद्दीकी के खिलाफ अपहरण और रंगदारी के आरोपों में मामला दर्ज किया गया है. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुनील सक्सेना ने आज यहां बताया कि बिनावर थाना क्षेत्र के कुतुबपुर थरा गांव निवासी किसान निहालउद्दीन का कहना है कि वर्ष 2014 में उसके पुत्र पप्पू के विरुद्घ एक झूठा मुकदमा दर्ज करा दिया गया था. मुकदमे से बेटे को बचाने के लिए वह अपने बेटे तथा भतीजे के साथ विधायक आबिद रजा के घर पर गया था और मदद करने की गुहार लगाई थी.

किसान का आरोप है कि विधायक रजा और उनके प्रतिनिधि अजहर ने उससे 25 लाख रुपये यह कहकर मांगे कि पार्टी फंड में जमा कराने होंगे, जिसके बाद वह उसके बेटे का नाम मुकदमे से निकलवा देंगे.सक्सेना ने बताया कि उन्हें दिये गये प्रार्थना पत्र में किसान का आरोप है कि रजा और अजहर ने उसके बेटे पप्पू को कमरे में बंद कर दिया और कहा कि 25 लाख रुपये लेकर आओ, वरना बेटे को जान से मार देंगे.
किसान का कहना है कि बेटियों की शादी के लिए जमा किये गये रुपये तथा कुछ कर्ज लेकर वह अपने भतीजे इसहाक के साथ 28 नवंबर 2014 को आबिद रजा के घर पर पहुंच गया। आरोप है कि रजा ने 20 लाख रुपये ले लिए और पांच लाख रुपये अजहर को दिलवा दिये। रुपये लेने के बाद पप्पू को छोडते हुए कहा गया कि अब मुकदमे से उसका नाम निकलवा दिया जायेगा.
सक्सेना के अनुसार किसान निहालउद्दीन का आरोप है कि विधायक को रुपये देने के बावजूद उनके बेटे का नाम मुकदमे से नहीं हटवाया गया और साथ ही पुलिस गिरफ्तार करने का दबाव भी बनाने लगी. इस पर उन्होंने 11 दिसंबर 2014 को बेटे को अदालत में हाजिर करा दिया, जिसकी कुछ दिनों बाद जमानत हो गयी.
इसके बाद वह अपने रुपये वापस लेने रजा के पास गया, तो वह टालमटोल करने लगे. पीड़ित का आरोप है कि 16 मई 2015 को जब वह रुपये मांगने गया तो विधायक आबिद रजा और उनके प्रतिनिधि अजहर ने उससे गाली-गलौज की और गोली मारने की धमकी दी. तब से पीडित और उसका परिवार दहशत के साये में है. इसी वजह से वह अब तक चुप रहा.
सक्सेना ने बताया कि सितम्बर में पीडित की तहरीर पर अपर पुलिस अधीक्षक (नगर) अनिल यादव ने सदर कोतवाल को साक्ष्य के आधार पर जांच कर कार्यवाही करने के आदेश दिए थे। जांच के बाद शुक्रवार रात निलम्बित विधायक आबिद रजा और उनके प्रतिनिधि अजहर के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया.

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