लखनऊ : आज अखिलेश यादव की चिरप्रतीक्षित विकास रथयात्रा शुरू हुई. इसे सपा के चुनावी अभियान का श्रीगणेश माना जा रहा है, साथ ही राजनीति के जानकारों का ऐसा मानना है कि अखिलेश ने सपा के रजत जयंती समारोह के पहले अपना शक्ति प्रदर्शन करके यह दिखा दिया है कि सपा का असली किंग कौन है.
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विकास यात्रा में दिखी अखिलेश और शिवपाल के बीच की दूरियां
लखनऊ : आज अखिलेश यादव की चिरप्रतीक्षित विकास रथयात्रा शुरू हुई. इसे सपा के चुनावी अभियान का श्रीगणेश माना जा रहा है, साथ ही राजनीति के जानकारों का ऐसा मानना है कि अखिलेश ने सपा के रजत जयंती समारोह के पहले अपना शक्ति प्रदर्शन करके यह दिखा दिया है कि सपा का असली किंग कौन […]
आज विकासयात्रा को रवाना करने के लिए मुलायम सिंह यादव और शिवपाल यादव मौजूद थे, लेकिन अखिलेश और शिवपाल के रिश्ते की कटुता मंच पर भी दिख ही गयी. शिवपाल ने रथयात्रा के लिए अखिलेश को बधाई तो दी है, लेकिन उनके संबोधन में कहीं भी अखिलेश का नाम नहीं आया. साथ ही उन्होंने अखिलेश के समर्थन में जुटे युवाओं से भी कहा कि वे जोश में होश ना खोयें. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी जिस मुकाम पर है, उसमें नेताजी का योगदान है. गौरतलब है कि शिवपाल यादव ने सार्वजनिक मंच पर अखिलेश की निंदा की थी, लेकिन बाद में मुलायम के हस्तक्षेप के बाद स्थिति में कुछ सुधार हुआ और शिवपाल ने यहां तक कहा कि वे अपना अपमान सहन कर सकते हैं, लेकिन नेताजी का नहीं.
विकास रथ की रवानगी के मौके पर मुलायम परिवार ने एकजुटता दिखाने की कोशिश तो की लेकिन संबंधों की गांठ दिख ही जाती है. ऐसा ही तब हुआ जब अखिलेश मंच पर शिवपाल को सामने तो लेकर आये, लेकिन उनके बीच बातचीत बहुत कम हुई. वहीं अखिलेश ने अपने संबोधन में मुलायम का नाम तो लिया, लेकिन शिवपाल की चर्चा नहीं की. कहना ना होगा कि मुलायम परिवार के संबंधों में जो गांठ पड़ी है, वह अब खुलने वाली नहीं है. अखिलेश और शिवपाल के बीच अब वर्चस्व की जंग जारी ही रहने वाली है.
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