चाचा शिवपाल और भतीजा अखिलेश गले मिले लेकिन दिल नहीं
लखनऊ : समाजवादी पार्टी का रजत जयंति समारोह में कई राज्यों से बड़े – बड़े नेता पहुंचे लेकिन सबकी नजर टिकी थी शिवपाल और अखिलेश पर. मंच पर दोनों साथ साथ बैठे थे और एक दूसरे के साथ सहज थे लेकिन दोनों के भाषण में तल्खी साफ नजर आयी. प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल ने अखिलेश से […]
लखनऊ : समाजवादी पार्टी का रजत जयंति समारोह में कई राज्यों से बड़े – बड़े नेता पहुंचे लेकिन सबकी नजर टिकी थी शिवपाल और अखिलेश पर. मंच पर दोनों साथ साथ बैठे थे और एक दूसरे के साथ सहज थे लेकिन दोनों के भाषण में तल्खी साफ नजर आयी. प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल ने अखिलेश से पहले अपनी बात रखी उन्होंने कहा, मुझसे जितना चाहे त्याग ले लो, मुझे प्रदेश का मुख्यमंत्री नहीं बनना है.
शिवपाल का दुख तब झलक गया जब उन्होंने अखिलेश यादव का स्वागत करते हुए उनके काम के लिए उनकी प्रशंसा तो की लेकिन उन्होंने कहा कि इस सरकार ने बहुत अच्छा काम किया और मुझे भी इस सरकार में चार साल काम करने का मौका मिला है. अखिलेश का नाम लेकर कहा अब कितना त्याग करवाओगे मुझसे, खून मांगोगे, तो खून भी दे देंगे, लेकिन मैं बताना चाहता हूं कि मुझे सीएम कभी नहीं बनना है.
कितना भी अपमान कर लो मैं जानता हूं कि मैंने अच्छा काम किया है. बर्खास्त होने से कोई फर्क नहीं पड़ता. उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि हम एकजुट हो जायें और गुटबंदी छोड़ें. उन्होंने कहा कि मैं जानता हूं कि हमारे बीच घुसपैठिए घुस गये हैं, उनसे सावधान रहने की जरूरत है. शिवपाल ने कहा चाहे जितनी भी कुर्बानी देनी पड़े मैं नेताजी की आज्ञा का पालन करूंगा. अपने संबोधन में शिवपाल ने इशारों में कई बात कह दी. सपा में वर्चस्व की लड़ाई है जिसके कारण आज शिवपाल बार – बार एक ही बात दोहराते नजर आये.
अखिलेश ने भी अपने संबोधन में चाचा के सवालों का जवाब दे दिया साथ ही यह भी साफ कर दिया कि दोनों के बीच विवाद का कारण क्या है. अखिलेश ने कहा कि यूपी का विधानसभा चुनाव इस देश की राजनीति का भविष्य तय करेगा. मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि चुनाव जीतकर दुबारा सरकार बनायेंगे और सांप्रदायिक शक्तियों को अपने इरादों में सफल नहीं होने देंगे. अखिलेश ने कहा, उत्तर प्रदेश में जो विकास कार्य हुए वह अन्य प्रदेशों के लिए उदाहरण है. उन्होंने कहा कि सपा को अभी लंबी यात्रा करनी है और इस यात्रा में हमें एकजुट रहना होगा.
अखिलेश और शिवपाल के बीच का विवाद अखिलेश के संबोधन में भी साफ दिखा गया, उन्होंने कहा, आपने मुझे तलवार भेंट की है और जब तलवार दी है तो मैं चलाऊंगा भी. कुछ लोग हैं जो सब सुनेंगे, लेकिन पार्टी को बिगाड़ने के बाद. उन्होंने कहा कि किसी को परीक्षा देने की जरूरत नहीं है और अगर कोई परीक्षा देने को तैयार है, तो मैं भी तैयार हूं. कार्यक्रम के संबोधन में दोनों गले मिले. अखिलेश ने चाचा शिवपाल के पैर छुए दोनों के बीच हंसी ठिठोली भी हुई लेकिन इसके बाद भी दोनों के बीच दूरी साफ नजर आ गयी.