लखनऊ : सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव के साथ मैराथन बैठक के एक दिन बाद कांग्रेस के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने आज मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ अकेले में मुलाकात की. अटकलें हैं कि जनता परिवार से जुड़ी पार्टियों और कांग्र्रेस का महागठबंधन बनाया जाएगा. ताकि भाजपा को सत्ता में आने से रोका जा सके. पीके ने अखिलेश से कई घंटे बातचीत की. समझा जाता है कि राज्य के अगले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राजनीतिक हालात पर चर्चा हुई.
उम्मीद है कि टिकट वितरण में मुख्यमंत्री की बात प्रमुखता से मानी जाएगी. ऐसे में पीके की उनसे बैठक महत्वपूर्ण मानी जा रही है. अखिलेश ने हालांकि कहा कि गठबंधन होने की स्थिति में कौन जीतेगा और कौन हारेगा, इन बातों पर विचार करना होगा.
इस मुद्दे पर सार्वजनिक रुप से कुछ कहने से बचते हुए अखिलेश ने संवाददाताओं से कहा कि इस बारे में फैसला राष्ट्रीय अध्यक्ष करेंगे. ‘‘मैं पार्टी के प्लेटफार्म पर ही अपने सुझाव दूंगा.” सपा क्या कांग्रेस से गठबंधन करेगी, इस सवाल पर सीधा जवाब नहीं दिया और अखिलेश बोले, ‘‘यदि सपा और कांग्रेस गठबंधन चाहते हैं तो क्या आप :मीडिया: इसे रोक लोगे?” मुलायम से पीके की दो दौर की बैठक पर अखिलेश ने कुछ नहीं कहा.
मुलायम और अखिलेश से पीके की मुलाकात ऐसे समय हुई है जब सपा ने अपने रजत जयंती समारोह में जनता परिवार के दिग्गज नेताओं के साथ मंच साझा किया था.
छह दिन में दूसरी बार पीके मुलायम से मिले
मुलायम समान विचारधारा वाली पार्टियों के साथ गठबंधन की संभावनाओं पर विचार कर रहे हैं. पीके एक नवंबर को मुलायम से दिल्ली में मिले थे. कांग्रेस ने भी गठबंधन की संभावनाओं को लेकर अपने दरवाजे बंद नहीं किये हैं. उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राज बब्बर ने कहा कि उनकी पार्टी या किसी अन्य पार्टी की ओर से गठबंधन को लेकर कोई पहल नहीं की गयी है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने हालांकि राज्य की जनता के फायदे के लिए किसी ऐसी संभावना को लेकर दरवाजे बंद नहीं किये हैं.
उत्तर प्रदेश में महागठबंधन की संभावना पर सपा के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि जब ऐसा होगा तो बता दिया जाएगा. बिहार में महागठबंधन का प्रयोग हो चुका है हालांकि सपा इससे बाहर हो गयी थी. जदयू, राजद और कांग्रेस के महागठबंधन ने बिहार में बड़ी चुनावी जीत दर्ज की थी और भाजपा के नेतृत्व वाले राजग को हराया था.