लखनऊ : समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव की घर वापसी हो गयी है. पार्टी अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने उनके निष्कासन को रद्द कर दिया है. गौरतलब है कि मुलायम सिंह यादव ने आदेश पर ही उन्हें पार्टी से निष्कासित किया गया था. रामगोपाल का निष्कासन रद्द होने के बाद आज शिवपाल यादव और अखिलेश यादव के बीच लखनऊ में बैठक जारी है.
आज मुलायम सिंह ने एक लिखित आदेश जारी किया है, जिसमें यह लिखा गया है कि रामगोपाल यादव का निष्कासन तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाता है वे राज्यसभा में पार्टी के संसदीय दल के नेता, प्रवक्ता, राष्ट्रीय महासचिव और केंद्रीय संसदीय बोर्ड के सदस्य के रूप में कार्य करते रहेंगे.
Ram Gopal Yadav will continue to perform his duty as SP's General Secy, spokesperson & will be part of SP Central Parliamentary board.
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) November 17, 2016
Ram Gopal Yadav reinstated in Samajwadi party, will continue to be SP General Secy & spokesperson. pic.twitter.com/kEfszzWtyq
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) November 17, 2016
Yeh toh hona hi tha; party mein wapsi hai Netaji ki kripa hai; Netaji kabhi mere khilaaf nhi the: Ram Gopal Yadav on being reinstated in SP pic.twitter.com/VhaxbYJNPl
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) November 17, 2016
Mai toh ghar mei hi tha; technically party se nikaal diya gaya tha, par mai toh party mei humesha se tha: RG Yadav on being reinstated in SP pic.twitter.com/qLVJftGAO5
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) November 17, 2016
निष्कासन रद्द किये जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए रामगोपाल ने कहा कि यह तो होना ही था, नेताजी की कृपा है, वे कभी मेरे खिलाफ नहीं थे. मैंने तो घर में ही था, तकनीकी रूप से पार्टी से निकाल दिया गया था. पर मैं तो हमेशा से पार्टी में ही था. उन्होंने कहा मैंने कभी भी पार्टी लाइन से बाहर जाकर कोई बयान नहीं दिया.
शिवपाल ने उन पर यादव सिंह भ्रष्टाचार प्रकरण में अपने सांसद पुत्र अक्षय यादव और बहू को बचाने के लिये भाजपा की शह पर बिहार में सपा के नेतृत्व में बने जनता परिवार और महागठबंधन को तोडने में मुख्य भूमिका निभाने का आरोप भी लगाया था. रामगोपाल हाल में समाजवादी परिवार में हाल में हुई वर्चस्व की जंग में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ मजबूती से खड़े दिखायी दिये थे. उनके निष्कासन को मुख्यमंत्री के विपक्षी खेमे यानी शिवपाल सिंह यादव गुट की बडी जीत माना गया था.
रामगोपाल के निष्कासन के बाद शिवपाल ने कई बार सार्वजनिक मंचों से उनकी कडी आलोचना भी की थी. हालांकि अब रामगोपाल की सपा में वापसी शिवपाल के लिए असहज करने वाला हो सकता है. शिवपाल ने कल राज्यसभा में रामगोपाल द्वारा पार्टी का पक्ष रखे जाने के मद्देनजर उनकी सपा में वापसी की अटकलों के बारे में पूछे जाने पर कहा था कि वह इस बारे में सिर्फ इतना कहना चाहते हैं कि सपा मुखिया मुलायम ही इस विषय में कोई निर्णय लेंगे.
गौरतलब है कि सपा पार्टी और मुलायम परिवार में जारी झगड़े के बीच रामगोपाल यादव को 23 अक्तूबर को पार्टी से निकाल दिया गया था. रामगोपाल का निष्कासन शिवपाल की अखिलेश कैबिनेट से बर्खास्तगी के बाद हुआ था. कुछ दिनों पहले रामगोपाल ने पार्टी से निष्कासन के प्रश्न का जवाब देते हुए कहा था कि जिन्हें लगता है कि उनके साथ अन्याय हुआ है वे अपना निर्णय बदलें. इस मौके पर वे यह कहते हुए रो पड़े थे कि उनपर बेईमानी का आरोप लगा , जो बहुत दुखद है. कल उन्होंने राज्यसभा में अपनी पार्टी का पक्ष रखा था. संभव है कि मुलायम सिंह यादव के इस निर्णय के बाद सपा परिवार का झगड़ा कुछ कम हो सकता है.