दूसरी पार्टियों से भाजपा में आये नेताओं को टिकट की गारंटी नहीं : केशव प्रसाद मौर्य

लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने आज स्पष्ट किया कि सपा और बसपा जैसे दूसरे दलों को छोड़कर भाजपा में शामिल हुए नेताओं को अगले विधानसभा चुनाव में टिकट देने का आश्वासन देकर कतई नहीं लाया गया है. मौर्य ने एक इंटरव्यू में कहा, ‘‘दूसरे दलों से जो […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 29, 2016 1:19 PM

लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने आज स्पष्ट किया कि सपा और बसपा जैसे दूसरे दलों को छोड़कर भाजपा में शामिल हुए नेताओं को अगले विधानसभा चुनाव में टिकट देने का आश्वासन देकर कतई नहीं लाया गया है. मौर्य ने एक इंटरव्यू में कहा, ‘‘दूसरे दलों से जो आये हैं, उन्हें टिकट देने का आश्वासन देकर नहीं लाया गया है. वे भाजपा के सिद्धांतों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यों से प्रभावित होकर आये हैं.” उन्होंने कहा, ‘‘जो जीतने लायक होंगे, उनके नाम पर जरूर विचार किया जायेगा लेकिन जो आये हैं, उन्हें टिकट मिल जाएगा, ऐसी बात नहीं है.”

उल्लेखनीय है कि सपा, बसपा और कांग्रेस नेताओं के भाजपा में शामिल होने का सिलसिला जारी है. विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे बसपा के स्वामी प्रसाद मौर्य और पूर्व सांसद ब्रजेश पाठक, कांग्रेस की पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी सहित कई प्रमुख नेता भाजपा में बीते दिनों शामिल हुए हैं.

भाजपा का कमजोर पक्ष क्या है, इस सवाल पर मौर्य ने कहा, ‘‘वीक प्वाइंट (कमजोर पक्ष) हम ये मानते हैं कि भाजपा कार्यकर्तावादी पार्टी है. कार्यकर्ताओं को बहुत अपेक्षाएं हैं. चूंकि हमारे यहां सच्चा लोकतंत्र है इसलिए यहां विधायक का बेटा विधायक या सांसद का बेटा सांसद बनने की नहीं सोच सकता. भाजपा का कोई भी कार्यकर्ता किसी भी पद पर पहुंचने की अपेक्षा करता है.” उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बडी संख्या में आवेदन हैं. ‘‘लेकिन मैं यह मानता हूं कि भाजपा का अनुशासित कार्यकर्ता … जिस दिन निर्णय हो जाएगा, उस निर्णय का समर्थन करेगा.”

मौर्य ने कहा कि इस समय अन्य दलों से काफी भगदड़ भी है. बडी संख्या में नये लोग आये हैं. ‘‘लेकिन ये हमारी कमजोरी नहीं बल्कि ताकत है. मैं कार्यकर्ताओं से कहना चाहता हूं कि भाजपा अपने मूल कार्यकर्ता के सम्मान की रक्षा हर कीमत पर करेगी.” नोटबंदी के सवाल पर मौर्य ने कहा कि देश के 98 प्रतिशत लोग इस फैसले से खुश हैं. जिन्होंने गरीबों, किसानों, देश और प्रदेश के नौजवानों के भविष्य, बीमार बुजुर्गों’ की दवा को लूटा है, केवल वही दुखी हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘चाहे नेता हों, अफसर हों, ठेकेदार या उद्योगपति हों, वे जरुर नोटबंदी के फैसले से नाखुश हैं. लेकिन हमें देश के बहुसंख्यक समाज की खुशी की चिंता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फैसला देशहित में है. यह फैसला भ्रष्टाचार के खिलाफ है और यह फैसला देश के दुश्मन पाकिस्तान के खिलाफ है.” मौर्य का मानना है कि नोटबंदी के फैसले से वो लोग विशेष तौर पर परेशान हैं जो धन बल पर चुनाव जीतने का सपना देख रहे थे। ‘‘जो नोट के बदले वोट का सपना देख रहे थे, उनका खेल अब खत्म हो चुका है.”

उनसे सवाल किया गया कि जब प्रदेश भाजपा अध्यक्ष पद की कमान उन्होंने संभाली थी तो प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए 265 सीटों का लक्ष्य रखा था, जो अब 300 से अधिक हो गया है. इस पर मौर्य ने कहा, ‘‘जब मैंने 265 कहा था तो उसका अर्थ ये नहीं था कि 265 सीटें ही जीतनी हैं. मेरा आशय था कि 265 से कम सीटें नहीं होनी चाहिए.

हम उस लक्ष्य को लेकर काम कर रहे थे. फिर सारे निष्कर्ष निकालने के बाद लगा कि हम 300 से कम नहीं जीतेंगे. अब यही एक स्लोगन उत्तर प्रदेश में चल रहा है.” उन्होंने कहा कि इसी विश्वास के साथ भाजपा लगातार जनता के बीच में है और समाजवादी पार्टी एवं बहुजन समाज पार्टी का जनता के बीच कोई अता पता नहीं है. भाजपा ही एकमात्र ऐसी पार्टी है जो जनता के लिए लड रही है. हम 2017 में उत्तर प्रदेश में सरकार बनाने और 2019 में 2014 के प्रदर्शन को दोहराने के लक्ष्य के साथ काम कर रहे हैं.

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