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सोये शेर थे मोदी, लोगों ने उकसाकर जगाया, अब वह दहाड़ रहे हैं : अमर सिंह

लखनऊ :जब से अमर सिंह की समाजवादी पार्टी में वापसी हुई है, पार्टी में रोज नया विवाद जन्म ले रहा है. कभी अखिलेश उन्हें दलाल करार देते हैं, तो कभी रामगोपाल उन्हें मतलबी बताते हैं. बावजूद इसके अमर खुद को मुलायमवादी बताते हुए तमाम हमले को झेल रहे हैं. लेकिन परसों उनके सब्र का बांध […]

लखनऊ :जब से अमर सिंह की समाजवादी पार्टी में वापसी हुई है, पार्टी में रोज नया विवाद जन्म ले रहा है. कभी अखिलेश उन्हें दलाल करार देते हैं, तो कभी रामगोपाल उन्हें मतलबी बताते हैं. बावजूद इसके अमर खुद को मुलायमवादी बताते हुए तमाम हमले को झेल रहे हैं. लेकिन परसों उनके सब्र का बांध टूटा और वे यह कह बैठे कि मैं किसी का गुलाम नहीं हूं कि सब कुछ सहता रहूंगा. उन्होंने नोटबंदी पर अलग स्टैंड लिया और मुलायम से मिलने भी पहुंचे, लेकिन मुलायम से मिलते ही उनका रुख नरम पड़ गया.

आखिर क्यों मुलायम से मिलते ही अमर का रवैया मुलायम हो जाता है? क्या है उनका अखिलेश से विवाद? इन तमाम बातों पर उन्होंने नवभारत टाइम्स के संवाददाता से बातचीत की. मुलायम सिंह यादव ने अपने मुलाकात पर स्पष्टीकरण देते हुए अमर सिंह ने कहा कि यह कोई खबर नहीं है. मैं उनसे मिलता रहता हूं, हां मैंने नोटबंदी का समर्थन किया है, जिसको लोग गलत ढंग से प्रचारित कर रहे हैं. मैंने उनसे इस बात में बात की. उन्होंने कहा कि मैं कोई ऐसी बात नहीं करता हूं जो मुलायम सिंह के मन की बात ना हो, उन्होंने सबसे कहा था कि हम कालेधन का अंत चाहते हैं.

उन्होंने नोटबंदी पर नरेंद्र मोदी की तारीफ की और कहा मैं हृदय से उनका इस निर्णय के लिए अभिनंदन करता हूं. मोदी ने सबको एक मौका दिया है कालेधन से मुक्त होने का. लोगों ने उन्हें उकसाया भी है. कालेधन को लेकर, ऐसे में सोया शेर जाग गया है और दहाड़ रहा है और सामने आने वाले को खायेगा ही.
अमर सिंह ने अखिलेश यादव पर कुछ भी टिप्पणी करने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि वे मेरे भाई मुलायम के बेटे हैं, लेकिन उन्होंने सीएम अखिलेश की खिंचाई की और कहा कि उनके राज्य में भ्रष्टाचार है.
कांग्रेस के साथ गठबंधन पर अमर सिंह ने कहा कि पार्टी मेरी हैसियत जीरो है बट्टा सन्नाटा है. मैं बताना चाहता हूं कि मैं पार्टी का घोषित झंडूबाम हूं. पार्टी में मुलायम की भी बात नहीं सुनी जाती है. वे चाहते थे गठबंधन हो, लेकिन रामगोपाल नहीं चाहते थे, अखिलेश को भी लगता है कि उसने इतना विकास किया है जिससे सारी सीट उसे मिल जायेगी, तो गठबंधन नहीं हुआ.

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