यूपी का सीएम मैं बनूंगा या नहीं यह चुनाव के बाद तय होगा, लेकिन अमर सिंह होंगे, यह बहुत बड़ा सपना है : अखिलेश
लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज कहा कि उत्तर प्रदेश का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा इस बारे में मैं अभी कुछ नहीं कह सकता. यह तो पार्टी के विधायक तय करेंगे कि अगला मुख्यमंत्री कौन होगा. हालांकि जब उनसे यह पूछा गया कि क्या अमर सिंह मुख्यमंत्री पद के दावेदार हो […]
लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज कहा कि उत्तर प्रदेश का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा इस बारे में मैं अभी कुछ नहीं कह सकता. यह तो पार्टी के विधायक तय करेंगे कि अगला मुख्यमंत्री कौन होगा. हालांकि जब उनसे यह पूछा गया कि क्या अमर सिंह मुख्यमंत्री पद के दावेदार हो सकते हैं, तो उन्होंने कहा कि यह एक बहुत बड़ा सपना है.
अखिलेश यादव ने उक्त बातें एक न्यूज चैनल के कार्यक्रम में कही. अखिलेश ने इस कार्यक्रम में कई बातों मसलन यूपी चुनाव, सीएम की उम्मीदवारी, सपा परिवार का झगड़ा अमर सिंह से विवाद, नोटबंदी और गठबंधन जैसे मुद्दों पर बेबाकी से अपनी राय रखी. उन्होंने कहा कि यूपी का चुनाव इस बार बहुत अलग होगा, क्योंकि सपा चुनाव के बाद सत्ता में वापसी कर ही है. उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य सरकार फिर से बनाना है और मैं इसी बात पर अपना ध्यान केंद्रित कर रहा हूं.
अखिलेश ने सपा परिवार में चले विवाद पर भी काफी बेबाकी से जवाब दिया. उन्होंने कहा कि अगर मैं सपा प्रदेश अध्यक्ष होता तो जिसे चाहता उसे पार्टी से निकाल सकता था, लेकिन मैं अभी प्रदेश अध्यक्ष नहीं हूं. उन्होंने शिवपाल के साथ विवादों पर कहा कि उन्होंने मुझे तलवार भेंट की थी, तो मैंने यही कहा था कि तलवार दी है, तो वो चलेगी भी. उन्होंने कहा कि राजनीति का रास्ता बहुत टेढ़ा-मेढ़ा है, लेकिन हमें सबको साथ लेकर चलना है. जब उनसे यह पूछा गया कि वे तलवार सबसे पहले किसपर चलायेंगे अमर सिंह, शिवपाल यादव या मुख्तार अंसारी तो उन्होंने कहा कि अब वो समय नहीं रहा, आज पूरा देश लाइन में खड़ा है.
उन्होंने कहा कि नोटबंदी के कारण आम जनता बहुत परेशान हुई है. सरकार को यह बात समझनी होगी, मैं जब प्रधानमंत्री से मिला, तो उन्हें अपनी सलाह दी. लेकिन मैं यह कहना चाहता हूं कि लोकतंत्र में जो जनता को दुख देता है, उसे जनता समय आने पर अपना गुस्सा भी दिखा देती है.
उन्होंने अमर सिंह के साथ विवादों पर कहा कि नेताजी जो कहेंगे मैं उसे मानने के लिए तैयार हूं, लेकिन कोई बाहर से आकर मुझे हटाने की कोशिश करेगा, तो मैं उस निर्णय को नहीं मानूंगा. क्या वे नेताजी के कहने पर राजनीति छोड़ देंगे? इस प्रश्न पर उन्होंने कहा कि मैंने नेताजी से कहा कि राजनीति में आपने मुझे जिस मुकाम पर ला दिया, उसके बाद मैं करूं भी तो क्या करूं, मुझे राजनीति ही करनी पड़ेगी.
उन्होंने पार्टी से निकाले जाने के प्रश्न पर कहा कि मेरा यह मानना है कि अगर कोई मुझे पार्टी से निकालना चाहेगा, तो मैं उसे ही पार्टी से निकाल दूंगा, यह पार्टी हमारी है.
यूपी चुनाव में गठबंधन को लेकर उन्होंने कहा कि यह नेताजी तय करेंगे कि किस पार्टी से गठबंधन करना है और किससे नहीं. जहां तक बात कांग्रेस के प्रशांत किशोर से मिलने की है, तो मैं यह समझ नहीं पाया कि पीके को नेताजी से मिलाने लाया कौन? हालांकि उनकी सलाह अच्छी है, अगर उसपर काम होता है तो हम बहुमत से आगे यानी 300 से ज्यादा सीटें लेकर आ सकते हैं.