!!राजेन्द्र कुमार!!
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में सत्ता बचाने और पाने की होड़ में प्रमुख राजनीतिक दलों ने संपर्क यात्राओं का दौर जोर-शोर से शुरू कर दिया है. नोटबंदी का कोई असर प्रमुख दलों के चुनाव प्रचार पर नहीं है. यही वजह है कि सपा विकास से विजय की यात्रा पर चल पड़ी है, तो भाजपा परिवर्तन संदेश और यूपी के मन की बात जैसे कार्यक्रमों के जरिये गांव-गांव पहुंच रही है. कांग्रेस भी किसान पंचायत के बाद अब शिक्षा-सुरक्षा-स्वाभिमान’ यात्रा चला रही है. बसपा भाईचारा सम्मेलनों के जरिये पार्टी प्रमुख मायावती की अपील लोगों तक पहुंचा रही है.
सूबे में जहां सपा, कांग्रेस और भाजपा अपने संदेश को जनता तक पहुंचाने के लिए हाईटेक रथों का सहारा ले रही है, वही बसपा नसीमुददीन सिददीकी और सतीश चंद मिश्र को जिलों-जिलों में भेज कर पार्टी का संदेश लोगों तक पहुंचा रही है. फिलहाल हाईटेक रथों में भाजपा अव्वल है. इस मामले में भाजपा ने सपा, कांग्रेस और बसपा से बहुत पीछे छोड़ दिया है. भाजपा के चार परिवर्तन रथ और यूपी के मन की बात जैसे कार्यक्रम के लिए करीब 75 रथ एक गांव से दूसरे गांव वर्तमान में पहुंच रहे हैं. पार्टी के इलेक्शन कैंपेन के तहत इतने रथ उतारने के बाद अब भाजपा नेता करीब दो सौ परिवर्तन संदेश वीडियो वैन उतार रही है. यह रथ हर विधानसभा क्षेत्र में जायेंगे.
भाजपा प्रवक्ता चंद्र मोहन सिंह के अनुसार, पार्टी ने बेहद आक्रामक, हाईटेक और सघन प्रचार अभियान चला रखा है. दूसरे दल उसके नजदीक भी नहीं है. चंद्र मोहन कहते हैं कि चार परिवर्तन यात्राओं का नेतृत्व केंद्रीय मंत्री और बड़े नेता कर रहे हैं. ये परिवर्तन यात्राएं करीब तीन सौ विधानसभा क्षेत्रों में पहुंच चुकी हैं. इन परिवर्तन यात्राओं के दौरान नेताओं ने करीब डेढ़ सौ से अधिक सभाएं की, जिनमें यूपी को जंगल राज से मुक्त करने के लिए जनता से समर्थन मांगा गया. प्रधामंत्री नरेंद्र मोदी ने गाजीपुर, कुशीनगर, मुरादाबाद में परिवर्तन यात्राओं के तहत आयोजित रैलियों को संबोधित किया है. और वह बहराइच तथा कानपुर में भी जल्दी ही परिवर्तन रैली को संबोधित करेंगे.
चंद्र मोहन के मुताबिक पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह, केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह सहित दो दर्जन से अधिक मंत्री लगातार प्रदेश के दौरे पर हैं और पार्टी का संदेश तथा केंद्र सरकार द्वारा किये गये जनहित के कार्यो के बारे में जनता को बता रहे हैं. भाजपा यूपी को कैसे खुशहाल बनाना चाहती है, ये भी पार्टी के बड़े नेता जनता को बता रहे हैं. यूपी के मन की बात को लेकर चंद्र मोहन बताते हैं कि एलईडी युक्त 75 हाईटेक रथों के जरिये लोगों की राय की वीडियो रिकार्डिंग की जा रही है.
लोगों से मिली राय के अनुसार ही पार्टी यूपी के विकास का एजेंडा तय करेगी. इसके लिए विश्वविद्यालयों में युवाओं के सम्मेलन हो रहे हैं. इसी क्रम में अब पार्टी 200 परिवर्तन संदेश वैनों के जरिये केंद्र सरकार की उपलब्धियों और सपा सरकार की नाकामियों से जनता को अवगत करायेगी और सूबे के हर जिले में सम्मेलन कर पार्टी पिछड़े वर्ग को जोड़ने में भी जुटेगी. पार्टी की इस प्रचार मुहिम में कहीं भी नोटबंदी का असर नहीं दिखता. हालांकि यूपी की जनता जरूरत अपनी रोजमर्रा की जरूरतों की पूर्ति के लिए बैंक और एटीएम की लाइनों में लगी है. फिर क्यों भाजपा और अन्य दलों के हाईटेक चुनाव प्रचार पर नोटबंदी का असर नहीं दिखता? यूपी की राजनीतिक के जानकार अंशुमान शुक्ला इस सवाल पर कहते हैं कि यूपी के किसी भी प्रमुख राजनीतिक दल के पास चुनाव प्रचार के लिए धन की कमी नहीं है. चुनाव में अकूत राशि खर्च की जाती है और जीतने पर उससे कई गुना कमाया जाता है. इस धनतंत्र को हम अब तक लोकतंत्र कह रहे हैं.