यूपी में महागठबंधन लगभग तय, 26 को प्रदेश नेताओं से मिलेंगे राहुल गांधी

लखनऊ/नयी दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी 26 दिसंबर को यूपी कांग्रेस के नेताओं से मिलेंगे. यह मुलाकात आने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बहुत महत्वपूर्ण मानी जा रही है. सूत्रों के हवाले से ऐसी खबरें आ रहीं हैं कि सपा के साथ कांग्रेस का गठबंधन तय है, जिसके कारण राहुल प्रदेश के नेताओं से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 24, 2016 11:18 AM

लखनऊ/नयी दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी 26 दिसंबर को यूपी कांग्रेस के नेताओं से मिलेंगे. यह मुलाकात आने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बहुत महत्वपूर्ण मानी जा रही है. सूत्रों के हवाले से ऐसी खबरें आ रहीं हैं कि सपा के साथ कांग्रेस का गठबंधन तय है, जिसके कारण राहुल प्रदेश के नेताओं से मिल रहे हैं. कहा जा रहा है कि कल चौधरी चरण सिंह की जयंती पर आयोजित पुस्तक के लोकार्पण समारोह में इस महागठबंधन की रूपरेखा तय हुई है. इस कार्यक्रम में सपा के संकटमोचक अमर सिंह, रालोद नेता अजीत सिंह, कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, जदयू नेता शरद पवार, जनता दल (सेक्यूलर) के नेता देवगौड़ा मौजूद थे.

महागठबंधन की तैयारी में जुटे अखिलेश और राहुल
मुलायम सिंह यादव ने सार्वजनिक मंच से भले ही यूपी चुनाव अपने दम पर लड़ने की बात कही है, लेकिन परदे के पीछे का सच कुछ और ही है. प्रदेश में लगातार महागठबंधन की तैयारी सपा की ओर से हो रही है, जिसके संकेत अखिलेश यादव लगातार दे रहे हैं. उन्होंने बार-बार यह कहा है कि वे बहुमत की सरकार बनाने जा रहे हैं, लेकिन कांग्रेस साथ आ जाये तो 300 से अधिक सीट जीत लेंगे. शिवपाल यादव ने भी गठबंधन के लिए काफी प्रयास किये हैं. उन्होंने ने तो जदयू को भी साथ लाने की कोशिश की थी, लेकिन फिर प्रयास विफल हो गया था. हालांकि अमर सिंह ने प्रशांत किशोर को मुलायम सिंह यादव से मिलवाया था और गठबंधन की बातचीत को आगे बढ़ाने की कोशिश की थी.
सीटों के बंटवारे पर फंसी थी पेच
सपा और कांग्रेस का गठबंधन सिर्फ सीटों के बंटवारे को लेकर नहीं हो पा रहा था. कुछ दिनों पहले बंद कमरे में हुई बैठक सिर्फ इसलिए ‘फेल’ हो गयी थी क्योंकि कांग्रेस अभी के विधायकों को मिलाकर लगभग सौ सीटें चाहती है, जिसे देने के लिए सपा तैयार नहीं था. लेकिन अब सूत्रों के हवाले से ऐसी खबरें आ रही है कि बात बन गयी है और सपा कांग्रेस को लगभग 80 सीट देने के लिए तैयार हो गया है. वहीं गठबंधन के दूसरे साथी राष्ट्रीय लोकदल को 20-22 सीट देने पर सहमति बन सकती है. 403 सदस्यीय विधानसभा में अभी सपा के 224, बसपा के 80, भाजपा के 47, कांग्रेस के 28 और रालोद के नौ विधायक हैं.
भाजपा को रोकने के लिए गठबंधन की मजबूरी
यूपी चुनाव में भाजपा जिस तरह अपनी ताकत झोंक रही हैं और उससे सपा के घरेलू विवाद से पार्टी को जो नुकसान हुआ है, उसके कारण सपा कोई ‘रिस्क’ नहीं लेना चाह रही है और गठबंधन के लिए तैयार है. सपा का उद्देश्य किसी भी तरह सत्ता में वापसी है, हालांकि मायावती का कहना है कि वे इस बार किसी भी कीमत पर चुनाव नहीं जीत सकते हैं.

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