यूपी : सपा से गंठबंधन की चर्चा को क्यों खारिज कर रहे हैं गुलाम नबी व राज बब्बर?
लखनऊ : यूपी चुनाव में क्या कांग्रेस और सपा साथ आयेगी. सवाल बड़ा है लेकिन इसका जवाब अभी तक स्पष्ट नहीं है हालांकि आज यूपी चुनाव प्रभारी गुलाम नबी आजाद और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष राज बब्बरने एक जैसा बयान दिया. उन दोनों ने कहा कि अभी इस पर कोई बात नहीं हुई. जब दोनों […]
लखनऊ : यूपी चुनाव में क्या कांग्रेस और सपा साथ आयेगी. सवाल बड़ा है लेकिन इसका जवाब अभी तक स्पष्ट नहीं है हालांकि आज यूपी चुनाव प्रभारी गुलाम नबी आजाद और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष राज बब्बरने एक जैसा बयान दिया. उन दोनों ने कहा कि अभी इस पर कोई बात नहीं हुई. जब दोनों पार्टियों की चर्चा गंठबंधन पर हुई ही नहीं तो साथ मिलकर चुनाव लड़ने और सीटों के बंटवारे की बात बेकार है. दोनों ने इस खबर से इनकार किया लेकिन गंठबंधन की संभावना को नकारा नहीं. यूपी चुनाव पर करीब से नजर रखने वाले की मानें तो कांग्रेस इन बयानों के जरिये मोलभाव कर रही है. सपा कांग्रेस को 80 से कम सीटें देना चाहती है लेकिन कांग्रेस कम से कम 100 सीटें की मांग कर रही है.
गुलाम नबी आजाद ने बिजनौर में रैली के दौरानगंठबंधनके सवाल पर पहले चुप्पी साध ली थी. उनकी यह चुप्पी गंठबंधन पर कयास लगाने के लिए काफी मानी जा रही है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कई बार कई जनसभाओं से कांग्रेस के साथ गंठबंधन के संकेत दिये हैं. उनकी राजनीति और रणनीति अलग है लेकिन सपा के मुखिया मुलायम सिंह यादव कांग्रेस से दूरी रखना चाहते हैं यही कारण है कि पार्टी ने अबतक गंठबंधन को लेकर कोई पहल नहीं की.
ध्यान रहे कि सपा ने कांग्रेस को केंद्र में दस साल तक बिना शर्त के समर्थन दिया. इस समर्थन के बाद भी सपा यूपी चुनाव में उन दस सालों के कामकाज की बनायी गयी छवि का हिस्सा नहीं बनना चाहती. वहीं, अखिलेश वोटबैंक की राजनीति को ध्यान में रखकर कांग्रेस से गंठबंधन की योजना बना रहे हैं.अपुष्ट सूत्रों सेखबर यह भी है कि इन पार्टियों के बीच गंठबंधन को लेकर बातचीत अंतिम पड़ाव पर है पार्टियों ने सीट का बंटवारा तक तय कर लिया है यूपी की 403 सीटों में सबसे ज्यादा सपा 303 सीट, कांग्रेस 73 और रालोद 22 सीट पर चुनाव लड़ सकती है.