गोरखपुर के बाद अब आगरा में भाजपा ने खरीदी मोटरसाइकिलें, खर्च पर उठ रहे सवाल

नयी दिल्ली / लखनऊ : आगरा में भाजपा ने 265 नयी मोटरसाइकिलें खरीदी हैं. इन मोटरसाइकिलों को खास ढंग से तैयार किया गया है. इसमें लाउडस्पीकर भी लगी है और माईक भी. मकसद साफ है. घूम – घूम कर चुनाव प्रचार. राज्य में अगले साल फरवरी में ही विधानसभा का चुनाव होने वाला है. भाजपा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 25, 2016 2:38 PM

नयी दिल्ली / लखनऊ : आगरा में भाजपा ने 265 नयी मोटरसाइकिलें खरीदी हैं. इन मोटरसाइकिलों को खास ढंग से तैयार किया गया है. इसमें लाउडस्पीकर भी लगी है और माईक भी. मकसद साफ है. घूम – घूम कर चुनाव प्रचार. राज्य में अगले साल फरवरी में ही विधानसभा का चुनाव होने वाला है. भाजपा पार्टी के संकल्प और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संदेशों को हर घर-हर वोटर तक पहुंखने की रणनीति पर काम कर रही है. ये मोटरसाइकिलें इसी रणनीति का हिस्सा हैं. पार्टी कार्यकर्ता भीड़ वाली जगहों और सुदूर इलाकों में इन मोटरसाइकिलों का इस्तेमाल इसके लिए कर सकेंगे.

प्रदेश विधानसभा चुनाव की तैयारियों के लिए भाजपा ने और भी मोटरसाइकिलें खरीदी हैं. इनकी संख्या को लेकर अबतक कोई ठोस आकड़ा सामने नहीं आया, लेकिन कई वेबसाइट पर चल रही खबरों की मानें, तो यूपी चुनाव के लिए भाजपा ने 1545 मोटरसाइकिल खरीदी हैं.

बाइक का रंग सफेद और इसकी टंकी पर कमल का निशान अंकित है. सभी बाइक टीवीएस कंपनी की हैं. एक बाइक 42 हजार रुपये में आती है. सूत्रों की मानें तो भाजपा ने प्रचार का जिम्मा एक कंपनी को दे रखा है. ‘एबीएम’ नामक इस कंपनी ने अपने कर्मचारियों को प्रचार का जिम्मा सौंपा है. खबर तो यहां तक है कि यह तैयारी सिर्फ यूपी विधानसभा के लिए नहीं, बल्कि 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए भी चल रही है . लोकसभा चुनाव के पहले तक सरकार की योजनाओं का भी प्रचार होगा. गोरखपुर के बाद अब आगरा में भाजपा कार्यकर्ताओं को बाइक बांटने की तैयारी है. मीडिया में खबर लीक होने के बाद बाइक के बंटवारे को पूरी तरह गोपनीय रखा गया है.
भाजपा की बाइक खरीद को लेकर राजनीतिक पार्टियों ने जोरदार हमला किया है. नोटबंदी के बाद भाजपा ने चुनाव प्रचार अभियान में तेजी के लिए बाइक खरीदी लेकिन इस संबंध में कोई भी जानकारी साझा नहीं की. विरोधियों का आरोप है कि कालेधन को सफेद करने के बाद ईनाम के रूप मे भाजपा को यह प्रचार वाहन मिले हैं.
भाजपा नेताओं ने भी इस मामले में चुप्पी साध रखी है. इसका कोई जवाब नहीं दे रहा कि बाइक पर आने वाले खर्च और प्रचार करने वाले व्यक्ति को पैसे कैसे दिया जायेंगे. कैशलेस लेन देने के पैरोकार भारतीय जनता पार्टी ने भी अबतक यह जानकारी नहीं दी है कि क्या इस बाइक की खरीद के लिए डिजिटल सुविधा का इस्तेमाल किया गया. क्या प्रचार करने वाले युवक और पेट्रोल का खर्च भी डिजिटल तरीके से होगा.

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