क्या धीरे-धीरे फिर यूपी की राजनीति के केंद्र में आ रहे हैं अमर सिंह?

लखनऊ : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दिन जैसे जैसे करीब आ रहे हैं, समाजवादी पार्टी का अंदरुनी कलह बाहर आ रहा है. मुलायम, शिवपाल और अमर सिंह की तिकड़ी अखिलेश यादव की रणनीति और फैसलों के खिलाफ खड़ी है. अमर सिंह सपा में होने वाले फैसलों की एक अहम कड़ी हैं. मुलायम सिंह और […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 26, 2016 6:18 PM

लखनऊ : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दिन जैसे जैसे करीब आ रहे हैं, समाजवादी पार्टी का अंदरुनी कलह बाहर आ रहा है. मुलायम, शिवपाल और अमर सिंह की तिकड़ी अखिलेश यादव की रणनीति और फैसलों के खिलाफ खड़ी है. अमर सिंह सपा में होने वाले फैसलों की एक अहम कड़ी हैं.

मुलायम सिंह और शिवपाल ने अमर सिंह को लेकर अपना नजरिया साफ कर दिया है. कांग्रेस और सपा गंठबधन को लेकर अमर प्रयासरत हैं. दिल्ली में चौधरी चरण सिंह पर लिखी गयी पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम में अमर की मुलाकात गुलाम नबी आजाद और आरएलडी के मुखिया अजित सिंह से हुई. हालांकि बातचीत को लेकर किसी ने मीडिया में कोई बयान नहीं दिया. सभी नेता एक सुर में कह रहे हैं कि अबतक गंठबंधन को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ.
सूत्रों की मानें तो अमर सिंह के साथ हुई बातचीत में कांग्रेस ने कुछ शर्तें रखी जिसमें अखिलेश यादव को सीएम पद का उम्मीदवार और पार्टी में अखिलेश की अहम भूमिका को लेकर कुछ सवाल थे. सपा के कुछ महत्वपूर्ण नेता अखिलेश के बढ़ते कद से परेशान हैं. दिल्ली में हुई डिनर पार्टी में कांग्रेस का संदेश लेकर अमर लखनऊ पहुंचे. मुलायम, शिवपाल और अमर सिंह ने मिलकर बैठक की लेकिन बैठक के बाद उन्होंने गंठबंधन के फैसलों पर कुछ नहीं कहा.
अखिलेश और अमर सिंह के बीच विवाद पहले भी सुर्खियों में रहा है. अखिलेश ने खुलकर अमर सिंह के खिलाफ बयानबाजी की लेकिन अमर ने चुप्पी साधे रखी. अमर ने पार्टी में सब ठीक होने का इंतजार किया. जिस दौरान अखिलेश ने अमर को अब अंकल कहने से इनकार किया तो अमर ने कहा कि वो मेरे लिए हमेशा बच्चे की तरह थे और रहेंगे अगर वो मुझे लात भी मारेंगे तो मैं उन्हें पूछूंगा कि आपके पैरे में चोट तो नहीं लगी. पार्टी में अमर सिंह की भूमिका खास है. मुलायम सिंह ने भी अमर की खुलकर तारीफ करते हुए कहा कि था कि अमर सिंह ने उनका उस वक्त साथ दिया जब वो परेशानी में थे. अखिलेश को इन परेशानियों के विषय में पता नहीं है.
अब अमर सिंह यूपी चुनाव को लेकर पार्टी की रणनीति तय करने में लगे हैं. अमर सिंह का व्यक्तित्व राजनीति में हमेशा एक मध्यस्थ का रहा है,जिसे असंभव को संभव बनाने में माहिर माना जाता है.कई कार्यक्रम में उन्होंने अपनी इस भूमिका को लेकर बयान दिया है कि हां वो इस तरह के काम में अहम भूमिका निभाते हैं. यूपी चुनाव में महागंठबंधन को लेकर अगर कोई फैसला होता है तो उसमे भी अमर की भूमिका अहम होगी.

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