सपा का ”दंगल” : आर-पार के मूड में चाचा-भतीजा, अखिलेश यादव के बाद शिवपाल ने जारी की लिस्ट
लखनऊ : महीनों की तनातनी के बाद आखिर यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बगावत कर दी. सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव और यूपी प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव की ओर से यूपी विधानसभा के लिए टिकट बंटवारे में करीबियों का पत्ता साफ होने से अखिलेश के सब्र का बांध टूट गया. गुरुवार देर शाम उन्होंने […]
लखनऊ : महीनों की तनातनी के बाद आखिर यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बगावत कर दी. सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव और यूपी प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव की ओर से यूपी विधानसभा के लिए टिकट बंटवारे में करीबियों का पत्ता साफ होने से अखिलेश के सब्र का बांध टूट गया. गुरुवार देर शाम उन्होंने 235 उम्मीदवारों की नयी लिस्ट जारी कर दी. इसके जवाब में देर रात शिवपाल यादव ने मुलायम से मीटिंग के बाद 68 कैंडिडेट्स की एक और लिस्ट जारी कर दी. इसे समाजवादी पार्टी में एकतरह से दो-फाड़ के तौर पर देखा जा रहा है.
अखिलेश ने मौजूदा 171 विधायकों को टिकट दिये हैं. वहीं, 64 नये उम्मीदवारों को टिकट दिया है. अखिलेश ने अयोध्या से अपने करीबी पवन पांडे को टिकट दिया है. रामनगर से अरविंद सिंह गोप को टिकट दिया गया है. इन दोनों का नाम नेताजी की जारी सूची में नहीं था. इनके अलावा अखिलेश ने अतुल प्रधान, बृज लाल सोनकर, राम गोविंद चौधरी और इंदल रावत को भी लिस्ट में शामिल किया है. अखिलेश के करीबी बतौर निर्दलीय अलग-अलग चुनाव चिह्नों पर ताल ठोक सकते हैं. दिलचस्प यह है कि यूपी में 403 विधानसभा सीटें हैं, जिनमें से 325 सीटों के लिए बुधवार को सपा उम्मीदवारों की सूची जारी हुई. इसका एलान खुद एसपी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने किया. अखिलेश की लिस्ट में अतीक अहमद, रामपाल यादव, अमनमणि त्रिपाठी, शादाब फातिमा, नारद राय, ओमप्रकाश सिंह का नाम नहीं है. बता दें कि मुलायम ने जिन लोगों की लिस्ट जारी की थी, उनमें इन सभी का नाम था. दो धड़ों में बंटता दिख रहा परिवार सपा के साथ-साथ मुलायम परिवार भी एक बार फिर साफ-साफ दो धड़ों में बंटता दिख रहा है.
एक तरफ अखिलेश और उनके समर्थक नेता हैं, दूसरी तरफ उनके चाचा शिवपाल यादव. अखिलेश को जहां रामगोपाल यादव का साथ है, तो पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव भाई शिवपाल के साथ हैं. पिछली बार पार्टी दो-फाड़ होते-होते बची थी, लेकिन कुछ समय के ‘संघर्षविराम’ के बाद दोनों खेमा एक बार फिर आमने-सामने हैं. हालांकि, पार्टी के बड़े नेता सार्वजनिक तौर पर अंदरूनी घमासान को सतह पर जाहिर नहीं करना चाहते.
रामगोपाल यादव एक तरफ पार्टी में किसी भी तरह के घमसान से इनकार किया है, दूसरी तरफ उन्होंने आरोप लगाया है कि पार्टी के कुछ लोग अखिलेश के खिलाफ साजिश कर रहे हैं. पार्टी में कुछ लोग नहीं चाहते कि अखिलेश दोबारा सीएम बनें.
मुलायम ने काटा था पत्ता : 325 उम्मीदवारों की सूची जारी करने के एक दिन बाद अखिलेश ने मुलायम से मुलाकात की. मुलाकात में उन्होंने उम्मीदवारों के चयन पर अपनी नाराजगी जतायी. अखिलेश को जिन पर ऐतराज था, उन्हें भी टिकट दिये गये, तो उनके कई करीबियों के पत्ते भी साफ हो गये.
समर्थक विधायकों और मंत्रियों से बोले अखिलेश यादव : अब बड़ा कदम उठाने का वक्त आ चुका है
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गुरुवार को अपने खास मंत्रियों व विधायकों से मुलाकात की. इस दौरान सपा सांसद अमर सिंह और बेनी प्रसाद वर्मा निशाने पर रहे. सूत्रों के मुताबिक, समर्थक विधायकों व मंत्रियों ने अखिलेश को भरोसा दिलाया कि वे उनके साथ हैं और अब बड़ा कदम उठाने का वक्त आ चुका है. सूत्रों के मुताबिक, टिकट न पाने वाले मंत्री और अखिलेश के करीबी अरविंद सिंह गोप ने मीटिंग में अमर सिंह को निशाने पर लिया. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि उनका टिकट अमर सिंह ने कटवाया है और बेनी प्रसाद वर्मा ने अपने बेटे को टिकट दिलाने के लिए शिवपाल यादव के साथ मिलकर साजिश रची है.
मुलायम से मिले सीएम अखिलेश व शिवपाल
गुरुवार को अखिलेश यादव और उनके चाचा व सपा के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव ने सपा प्रमुख से मुलाकात की. माना जा रहा है कि अखिलेश ने अपना विरोध दर्ज करा दिया है. इसके पहले गुरुवार की सुबह से ही लखनऊ में सपा कार्यकर्ताओं और प्रत्याशी जुटने लगे. अखिलेश ने विधायकों के साथ मीटिंग की. सीएम अखिलेश के आवास पर सांसद धर्मेंद्र यादव और मंत्री बलराम यादव भी पहुंचे वहीं अरिवंद सिंह गोप और अभिषेक मिश्र ने भी मुलाकात की. फिर अखिशेश यादव अपने पिता व सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव से मुलाकात करने उनके घर पहुंचे. इस दौरान शिवपाल भी मौजूद रहे. मिटिंग खत्म होने पर अखिलेश और शिवपाल निकल गये.