मुसलिम वोटों के टूटने के भय से सपा ने रालोद से किया गठजोड़ से इनकार!
लखनऊ: समाजवादी पार्टी के नेतृत्व में उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव में महागंठबंधन बनने की संभावना लगभग खत्म हो गयी है, बल्कि वहां सपा व कांग्रेस दो बड़े दल ही सीट शेयर कर लड़ेंगे. समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता व मुख्यमंत्री अखिलेश के करीबी किरणमंय नंदा ने आज कहा है कि उनकी पार्टी का विधानसभा चुनाव के […]
लखनऊ: समाजवादी पार्टी के नेतृत्व में उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव में महागंठबंधन बनने की संभावना लगभग खत्म हो गयी है, बल्कि वहां सपा व कांग्रेस दो बड़े दल ही सीट शेयर कर लड़ेंगे. समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता व मुख्यमंत्री अखिलेश के करीबी किरणमंय नंदा ने आज कहा है कि उनकी पार्टी का विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस से सीटों का तालमेल होगा, उन्होंने अजीत सिंह की राष्ट्रीय लोक दल से किसी तरह केगठजोड़ से इनकार किया है. किरणमय नंदा ने कहा कि हम जल्द कांग्रेस से गंठबंधन का एलान कर देंगे और हमारे बीच कई चीजें लगभग तय हो गयी हैं.
किरणमय नंदा ने आज समाजवादी पार्टी की छह घंटेचली मैराथन बैठक के बाद एलान किया कि उनकी पार्टी किसी क्षेत्रीय दल से गठजोड़ नहीं करेगा और सिर्फ व सिर्फ कांग्रेस से गंठबंधन होगा. उन्होंने कहा किहमने पहले व दूसरे चरण के लिएअपने उम्मीदवारोंके नाम पक्के कर लिये हैं और कांग्रेस भी अपना नाम तय करे.
उधर, रालोद नेता त्रिलोक त्यागी ने कहा कि पूर्व में समाजवादी पार्टी ने हमसे बात की थी, लेकिन हाल के दिनों में उन्होंने गठजोड़ पर कोई बात नहीं की है. रालोद प्रवक्ता अनिल दुबे ने कहा है किहम सीट चाहते हैं पर अबतक हमारा समझौता नहीं हुआ है.
Samajwadi Party leaders talked to us in the past but there were no talks on alliance after that: Trilok Tyagi,RLD pic.twitter.com/5i4CuXffLF
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 19, 2017
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस के रणनीतिकार पश्चिम उत्तरप्रदेश में प्रभाव रखने वाले चौधरी अजीतसिंह को अपने गठजोड़ में शामिल करना चाहते थे, ताकि वहां जाट वोटों का उसे लाभ हो. सूत्रों का कहना है किअजीत सिंह अपनी पार्टीके लिए महागंठबंधन में 30 सीटें चाहते हैं, लेकिन कांग्रेस के बड़े नेता 20 सीटेंदेने के लिए तैयार हैं.सूत्रों का यह भी कहना है कि अजीत सिंह के बेटे जयंत चौधरीकांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के संपर्क में हैं.
हालांकि समाजवादी पार्टी इसके लिएइच्छुक नहीं रही है और वह इस मामले को कांग्रेस केऊपर टाल रही है. दरअसल, 2013 केमुजफ्फरनगर दंगे के दौरान मुसलिम वजाट समुदाय आमने-सामने आ गये थे. उस दंगे में 60 लोगों की मौत हुई थी और 40 हजार लोग विस्थापित हुए थे. समाजवादी पार्टी के रणनीतिकारों को लगता है कि ऐसे में जाट पार्टी की रूप में पहचान रखने वालीरालोद से गठजोड़ से उसकामजबूत वोट बैंक मुसलिम प्रभावित हो सकता है.
नंदा ने आज मीडिया से कहा, हमारा घोषणापत्र तैयार है, हम चुनाव के लिए तैयार हैं. हमारा गठबंधन सिर्फ कांग्रेस के साथ हो रहा है. हम अखिलेश के नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे. उन्होंने सीधे शब्दों मेंकहा कि रालोद के साथ समाजवादी पार्टी का गठबंधन नहीं होगा. 300 सीटों पर समाजवादी पार्टी चुनाव लड़ेगी और शेष सीटों पर कांग्रेस.