लखनऊ : दलित वोट बैंक के सहारे चुनावी संभावनाएं तलाशने वाली और आरक्षण की पुरजोर वकालत करने वाली बसपा सुप्रीमो मायावती ने आज भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर आरोप लगाया कि वे दलितों, आदिवासियों और अन्य पिछडे वर्ग के लोगों का आरक्षण खत्म करना चाहते हैं. मायावती ने संघ और भाजपा को चेताया और कहा, ‘भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के लोगों को इन वर्गों के आरक्षण को खत्म करने की बार-बार बंदर घुड़की देने की बात बंद करनी चाहिए.’
उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘देश को विशेषकर दलितों, आदिवासियों और अन्य पिछड़े वर्ग के लोगों के मसीहा बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर के प्रति ‘मुंह में राम बगल में छुरी’ की तरह बर्ताव करने वाले भाजपा और उनके नीति निर्धारक आरएसएस तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की इन वर्गों के मामले में जातिवादी मानसिकता का पर्दाफाश करते हुए कहना चाहती हूं कि इन वर्गों के लोगों को अंबेडकर के अथक प्रयासों से संविधान में आरक्षण और जो अन्य कानूनी अधिकार मिले, वो उनका संवैधानिक अधिकार है.’
मायावती ने कहा कि इस अधिकार को कोई सरकार खासकर भाजपा और उसकी कंपनी के लोग तथा आरएसएस के लोग भी नहीं छीन सकते. अगर आरक्षण खत्म करने के लिए मोदी सरकार कानून बनाती है तो इन वर्गों के लोग उसे हमेशा के लिए राजनीति करना भुला देंगे.
उल्लेखनीय है कि जयपुर साहित्योत्सव में संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य ने कल आरक्षण व्यवस्था की फिर से समीक्षा की वकालत की है. उन्होंने कहा था कि अगर आरक्षण व्यवस्था जारी रही तो इससे अलगाववाद को बल मिलेगा.