22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

सपा-कांग्रेस गठबंधन पर फैसला आज, कल जारी होगा सपा का घोषणापत्र

लखनऊ/नयी दिल्ली : सपा-कांग्रेस गठबंधन पर आज फैसला हो सकता है. सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार आज सीईसी की बैठक के बाद कांग्रेस गठबंधन पर अपना निर्णय सुना देगी. गठबंधन को लेकर बैठक में मंथन जारी है.गौरतलब है कि सपा और कांग्रेस के बीच अबतक गठबंधन पर फैसला नहीं हो पाया है. कल जब […]

लखनऊ/नयी दिल्ली : सपा-कांग्रेस गठबंधन पर आज फैसला हो सकता है. सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार आज सीईसी की बैठक के बाद कांग्रेस गठबंधन पर अपना निर्णय सुना देगी. गठबंधन को लेकर बैठक में मंथन जारी है.गौरतलब है कि सपा और कांग्रेस के बीच अबतक गठबंधन पर फैसला नहीं हो पाया है. कल जब सपा ने अपने प्रत्याशियों की दो सूची जारी कर दी, तो ऐसी चर्चाएं होने लगी कि अब गठबंधन संभव नहीं. गुलाम नबी भी दिल्ली के लिए रवाना हो गये.

लेकिन फिर सूत्रों के हवाले से यह खबर भी आयी कि प्रियंका गांधी गंठबंधन के लिए खुद प्रयास कर रही हैं और अपने विशेष दूत को अखिलेश के पास भेजा है. गुलाम नबी भी आज लखनऊ पहुंचेंगे ऐसी उम्मीद जतायी गयी है.इधर सपा के खेमे से यह खबर आ रही है कि कल अखिलेश यादव प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले हैं. कल ही पार्टी का घोषणा पत्र जारी होगा. कहा जा रहा है कि घोषणा पत्र गरीबों, मजदूरों और अल्पसंख्यकों पर आधारित होगा.

इन मुद्दों पर नहीं बन रही बात
अखिलेश शुरू से बोलते आये हैं कि वे कांग्रेस के साथ चुनावी मैदान में जाना चाहते हैं, कांग्रेस भी इच्छुक है. लेकिन जिच इस बात पर है कि कांग्रेस ज्यादा सीटें चाहती है, जबकि अखिलेश इस बात के लिए तैयार नहीं हैं. पिछले चुनाव में कांग्रेस 355 सीट पर चुनाव लड़ी थी, लेकिन उसके मात्र 28 विधायक ही चुनकर आ पाये. 150 सीटों पर उनकी जमानत जब्त हो गयी. ऐसे में अखिलेश उन्हें 100 सीट देना नहीं चाहती, जबकि कांग्रेस इस बात पर अड़ी है. सपा कांग्रेस को 80-85 सीट देने पर सहमत हैं. अखिलेश इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं हैं कि अगर कांग्रेस को ज्यादा सीट दी गयी तो वे जीत हासिल कर लेंगे. सपा का मानना है कि गठबंधन के बावजूद कांग्रेस 55-58 से ज्यादा सीटें नहीं जीत पायेंगी. अमेठी और रायबरेली की सीटों को लेकर भी बात नहीं बन रही. इन संसदीय सीटों पर कुल 12 विधानसभा सीटें हैं, जिनमें से नौ पर सपा का कब्जा है, ऐसे में सपा यह सीटें कांग्रेस को देना नहीं चाहती.
मुस्लिम बहुल सीटों को लेकर भी है विवाद
अखिलेश यादव के पिता और सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने 1989 में मुसलमान वोटों के बल पर कांग्रेस को प्रदेश की सत्ता से बाहर किया था, जिसके कारण उन्हें ‘मुल्ला मुलायम’ भी कहा गया. प्रदेश का मुसलमान वोटर सपा के साथ है, ऐसे में सपा यह नहीं चाहती कि वह मुस्लिम बहुल क्षेत्र में कांग्रेस को टिकट दे, ऐसा करने से मुसलमानों पर से सपा की पकड़ ढीली पड़ सकती है, जो सपा के लिए नुकसानदेह साबित होगी. वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती लगातार इस कोशिश में हैं कि मुसलमान उनके साथ आ जाये.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें