अमेठी-रायबरेली की सीटों पर खींचतान को सुलझाने के लिए प्रियंका ने संभाली कमान

लखनऊ : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए गठजोड़ के बावजूद कांग्रेस और सपा के बीच अमेठी और रायबरेली की सीटों को लेकर खींचतान चल रही है. इस स्थिति को सुलझाने के लिए एकबार फिर प्रियंका गांधी सामने आयीं हैं. उन्होंने अखिलेश यादव को एक संदेश भिजवाया है, जिसमें उन्होंने अखिलेश से कहा है कि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 28, 2017 12:14 PM

लखनऊ : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए गठजोड़ के बावजूद कांग्रेस और सपा के बीच अमेठी और रायबरेली की सीटों को लेकर खींचतान चल रही है. इस स्थिति को सुलझाने के लिए एकबार फिर प्रियंका गांधी सामने आयीं हैं. उन्होंने अखिलेश यादव को एक संदेश भिजवाया है, जिसमें उन्होंने अखिलेश से कहा है कि अमेठी और रायबरेली की सीटें कांग्रेस को देकर वे अपना वादा निभाएं. चूंकि अमेठी और रायबरेली सीट कांग्रेस अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की सीटें हैं, इसलिए वे इसे छोड़ने के मूड में नहीं हैं.

प्रियंका ने अपने संदेश में कहा है कि इटावा, एटा, मैनपुरी, कन्नौज और आजमगढ़ में कांग्रेस ने गठबंधन के वादे के मुताबिक कोई प्रत्याशी नहीं खड़ा किया है, ऐसे में अब अखिलेश भी गठबंधन धर्म अपनाएं और अमेठी और रायबरेली की सीट कांग्रेस के लिए छोड़ दें. कांग्रेस और सपा के बीच गठजोड़ के तहत 403 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस 105 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि सपा ने गठजोड़ होने से पहले पांच प्रत्याशियों के नाम घोषित कर दिये थे लेकिन अब तक कोई नाम वापस नहीं लिया गया है.

इसे लेकर कांग्रेस नेता विशेषकर स्थानीय नेता असमंजस में हैं. दोनों ही पक्षों के बीच इस बात पर सहमति बनती दिख रही है कि कांग्रेस को छह और सपा को चार सीटें मिलेंगी. स्थानीय नेता और कार्यकर्ता अमेठी या गौरीगंज में से कोई भी सीट देने को तैयार नहीं हैं जबकि सपा यहां से पहले ही प्रत्याशी घोषित कर चुकी है. जिसकी वजह से कांग्रेसी बेचैन हैं और अंतत: मामले को सुलझाने का जिम्मा प्रियंका के कांधों पर आ गया है.

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