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यूपी चुनाव में पोस्टर वार, कांग्रेस के ‘यूपी को ये साथ पसंद है’ के जवाब में भाजपा का ‘यूपी को ये 7 पसंद हैं’

लखनऊ : उत्तर प्रदेश विधानसभा का चुनाव सात चरणों में होना है. मतदान की पहली तिथि 11 फरवरी है. ज्यों-ज्यों मतदान की तिथि नजदीक आ रही है प्रदेश में राजनीति तेज होती जा रही हैं. राजनीतिक तापमान बढ़ता जा रहा है. इसी क्रम में कुछ पोस्टर भी सामने आये हैं, जो राजनीतिक पार्टियों की जंग […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 3, 2017 4:19 PM

लखनऊ : उत्तर प्रदेश विधानसभा का चुनाव सात चरणों में होना है. मतदान की पहली तिथि 11 फरवरी है. ज्यों-ज्यों मतदान की तिथि नजदीक आ रही है प्रदेश में राजनीति तेज होती जा रही हैं. राजनीतिक तापमान बढ़ता जा रहा है. इसी क्रम में कुछ पोस्टर भी सामने आये हैं, जो राजनीतिक पार्टियों की जंग को तेज कर रहे हैं.

यूपी को ये साथ पसंद है, ये युवा जोश पसंद है
ज्ञात हो कि सपा-कांग्रेस के गठबंधन के बाद एक पोस्टर सामने आया, जिसमें राहुल गांधी और अखिलेश यादव के पोस्टर के साथ ये नारा नजर आता है- यूपी को ये साथ पसंद है. इस पोस्टर को कांग्रेस ने अपने ट्‌विटर हैंडिल पर भी शेयर किया था और उसे बाकायदा कवर पेज बनाया गया था. कांग्रेस-सपा का एक और पोस्टर चर्चा में है, जिसमें अखिलेश-राहुल की तसवीर के साथ यह नारा लगाया गया है- यूपी को ये युवा सोच पसंद है.
यूपी को ये 7 पसंद हैं
सपा-कांग्रेस के पोस्टर के जवाब में भाजपा का एक पोस्टर जारी हुआ है, जिसमें भाजपा के सात नेताओं का चित्र अंकित है और नारा है-यूपी को ये 7 पसंद हैं. भाजपा के इस पोस्टर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, गोरखपुर के सांसद आदित्य नाथ, प्रदेश प्रभारी केशव प्रसाद मौर्य, केंद्रीय मंत्री उमा भारती और केंद्रीय मंत्री और देवरिया से सांसद कलराज मिश्र की तसवीर अंकित है. इस पोस्टर में गौर करने वाली बात यह है कि पार्टी के किसी भी दलित या अल्पसंख्यक चेहरे को पोस्टर में स्थान नहीं दिया गया है.

प्रदेश प्रभारी केशव प्रसाद मौर्य, कुरमी जाति से हैं, जो पिछड़ा वर्ग में शामिल हैं, वहीं उमा भारती भी पिछड़ी लोध जाति से आती हैं. इन दोनों की पकड़ पिछड़ी जाति के वोटर्स पर बहुत अच्छी है. योगी आदित्यनाथ ठाकुर हैं और लगातार पिछले पांच बार से गोरखपुर के सांसद रहे हैं. पूर्वाचंल में ठाकुर वोटर्स के बीच उनकी साख बहुत मजबूत है. वहीं गृहमंत्री राजनाथ सिंह भी ठाकुर वोटर्स के बीच पकड़ रखते हैं. कलराज मिश्र ब्राह्मणों की पसंद हैं वहीं अमित शाह वैश्यों के लिए चेहरा हैं और प्रधानमंत्री मोदी का जादू तो अभी भी हर प्रदेश में चल ही रहा है.

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