पंजाब में अकाली दल-भाजपा की होगी वापसी या आप-कांग्रेस को मिलेगा मौका, फैसला कल

नयी दिल्ली. पंजाब राज्य विधानसभा का शनिवार को आम चुनाव तथा अमृतसर लोकसभा सीट के लिए उपचुनाव है. पंजाब विधानसभा चुनाव में शिरोमणि अकाली दल-भाजपा गठबंधन की सत्ता में वापसी को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा है. पंजाब में इन गंठबंधन का 10 साल से शासन है. लिहाजा वहां एंटी इनकंबेसी की आशंकाओं से इनकार नहीं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 3, 2017 5:29 PM

नयी दिल्ली. पंजाब राज्य विधानसभा का शनिवार को आम चुनाव तथा अमृतसर लोकसभा सीट के लिए उपचुनाव है. पंजाब विधानसभा चुनाव में शिरोमणि अकाली दल-भाजपा गठबंधन की सत्ता में वापसी को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा है. पंजाब में इन गंठबंधन का 10 साल से शासन है. लिहाजा वहां एंटी इनकंबेसी की आशंकाओं से इनकार नहीं किया जा रहा. ऐसे में इस गंठबंधन को सत्ता विरोधी लहर का सामना करना पड़ रहा है. उसे कांग्रेस के अलावा आम आदमी पार्टी से भी कड़ी चुनौती मिल रही है.

पंजाब में 1.98 करोड़ वोटर हैं. इनमें करीब 22 फीसदी नये वोटर हैं, जो पहली बार वोट करेंगे. ये युवा हैं और सरकार और चुनाव को लेकर उनकी सोच अलग है. उनके सामने दस साल तक एक ही गंठबंधन की सरकार की सफलता-विफलता की कहानी है, वहीं नोटबंदी के नजीते और उससे उत्पन्न हालात को लेकर अपना तर्क है. पंजाब देश का ऐसा राज्य है, जहां के लोगों का सेना से सबसे ज्यादा सरोकार रहा है. पाकिस्तानी सरहद के करीब का यह राज्य है और सेना में जाने का सबसे ज्यादा जुनून इसी राज्य में परंपरागत रूप से रहा है. नरेंद्र मोदी सरकार के पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर भी यहां के लोगों की अपनी तरह की सोच है. इन सब का प्रतिबिंब कल होने वाले मतदान में झलकेगा.

पंजाब में मुख्य तौर पर भाजपा-अकाली गठबंधन, कांग्रेस और आप के बीच त्रिकोणात्मक संघर्ष है. राज्य विधानसभा की कुल 117 सीटों के लिए 1,145 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. शांतिपूर्ण मतदान केे लिए चुनाव आयोग ने 200 कंपनी से ज्यादा अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गयी है. यानी करीब 16000 से 20000 अर्धसैनिक बल चुनाव में तैनात रहेंगे. चुकी यी राज्य पकिस्तानी सीमा से सटा हुआ है और आतंकियों के निशाने पर रहा है. लिहाजा यहां की सुरक्षा को लेकर चुनाव आयोग ज्यादा ही सतर्क है.


पंजाब विधानसभा चुनाव और महिला

पंजाब विधानसभा चुनाव में भी राजनीतिक दलों ने महिलाओं की औकत को कमतर आंका. लिहाजा चुनाव जीतने की चिंता में सभी दलों ने महिलाओं के मुकाबले पुरुषों को कई गुना ज्यादा टिकट दिया है. इस बार यहां कुल 1,145 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें महिला उम्मीदवार केवल 81 हैं. यानी कुल उम्मीदवारों का 9.3 प्रतिशत, जबकि महिला वोटरों की संख्या 47.16 फीसदी है. राज्य में कुल 1,98,79,069 वोटर हैं. इनमें महिला वोटरों की संख्या 93,75,546 है. उम्मीदवारी के मामले में महिलाओं से अच्छी स्थिति ट्रांसजेंटर की है. राज्य में 415 ट्रांसजेंडर वोटर और एक उम्मीदवार है.

बहरहाल, अकाली दल-भाजपा अपनी पिछली उपलब्धि को दोहराने का भरोसा कर रहे हैं. वहीं आप को दिल्ली वाला चमत्कारिक नतीजे देने की विश्वास है. कांग्रेस को उम्मीद सत्ता में वापसी की आस लगाये हुए है.

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