लखनऊ : उच्चतम न्यायालय के आदेश पर उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक महिला के साथ कथित रुप से सामूहिक बलात्कार और उसकी बेटी के साथ बलात्कार की कोशिश के आरोप में आज सरकार के वरिष्ठ मंत्री गायत्री प्रजापति के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली.
उच्चतम न्यायालय ने कल दिये अपने आदेश में प्रजापति के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया था. हजरतगंज के पुलिस क्षेत्राधिकारी अविनाश कुमार मिश्र ने बताया है कि प्रजापति और उनके छह साथियों के खिलाफ पॉक्सो अधिनियम सहित बलात्कार एवं बलात्कार की कोशिश संबंधी विभिन्न धाराओं में आज गौतमपल्ली पुलिस थाने पर मुकदमा दर्ज किया गया है. उच्चतम न्यायालय ने उत्तर प्रदेश पुलिस को निर्देश दिया था कि वह इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करके आठ सप्ताह के भीतर मामले की स्थिति रिपोर्ट दाखिल करे.
गौरतलब है कि गायत्री पर 35 वर्षीय एक महिला का आरोप है कि जब वह उनसे तीन वर्ष 2014 में पहले मिली थी तो उन्होंने उसके साथ बलात्कार किया. गायत्री ने पीडिता के कुछ आपत्तिजनक फोटो भी लिये और धमकी दी कि वह इन फोटो को सार्वजनिक कर देंगे. इस धमकी के दम पर वह दो साल तक बलात्कार करते रहे.
Iske piche rajneet h,BJP ki sajish;Meri chhavi kharab karna chahte hain kyunki main chote parivar se hun;Main victim ko nhi janta-GPrajapati pic.twitter.com/5EuQzhLDsQ
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) February 18, 2017
महिला का आरोप है कि जब मंत्री और उसके साथियों ने उसकी नाबालिग लड़की की इज्जत पर भी हाथ डालने की कोशिश की तब उसने इस मामले में पुलिस में मुकदमा दर्ज कराने का फैसला किया और पुलिस महानिदेशक तक गुहार लगायी. उसका कहना है कि जब उसकी गुहार नहीं सुनी गयी तब उसने अदालत की शरण में जाने का फैसला किया.
प्रदेश में सत्तारुढ़ समाजवादी परिवार में पिछले दिनों चले वर्चस्व के रण में मुख्यमंत्री अखिलेश ने प्रजापति को मंत्री परिषद से बर्खास्त कर दिया था. मगर मुलायम सिंह यादव के दखल के बाद उन्हें पुन: मंत्रिमंडल में शामिल कर लिया गया और वे अमेठी विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में हैं.