इंदौर/लखनऊ : उत्तर प्रदेश चुनाव में टिकट बंटवारे से नाराज सुल्तानपुर के सांसद वरुण गांधी के बगावती बोल इंदौर के एक कार्यक्रम में फूटे. वरुण ने रोहित वेमुला, किसान आत्महत्या और विजय माल्या के मुद्दे पर मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा किया. उधर, भाजपा नेतृत्व ने उन्हें यूपी चुनाव के छठे व सातवें चरण के स्टार प्रचारकों की सूची से बाहर कर दिया है. वरुण ने खुद को यूपी में प्रचार से दूर रखा है.
पूर्वांचल क्षेत्र के लिए जारी स्टार प्रचारकों की सूची में भाजपा ने छह नाम हटाये, जबकि केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार सहित छह नये स्टार प्रचारक शामिल किये गये हैं. केंद्रीय राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह, राजू श्रीवास्तव, लल्लू सिंह, महेन्द्र सिंह और मंगल पांडे को भी बाहर किया गया गया है. उनकी जगह केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार, राधा मोहन सिंह, मनोज सिन्हा, लक्ष्मीकांत वाजपेयी, सांसद वीरेन्द्र सिंह मस्त और ओबीसी मोर्चा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एसपी सिंह बघेल को शामिल किया गया है.
रोहित वेमूला का पत्र पढ़ रोना आ गया
वरुण ने इंदौर के निजी कॉलेज में ‘विचार नये भारत का’ विषय पर व्याख्यान में कहा कि पिछले वर्ष जान देनेवाले हैदराबाद के छात्र रोहित वेमुला की चिट्ठी पढ़ी, तो मुझे रोना आ गया. चिट्ठी में उन्होंने लिखा कि मैं जान इसलिए दे रहा हूं, क्योंकि मैंने इस रूप में जन्म लेने का पाप किया है. संविधान जाति और मजहब के आधार पर किसी से भी भेदभाव नहीं करता, लेकिन वास्तविकता यह है कि अनुसूचित जाति वर्ग के लगभग 37 प्रतिशत लोग गरीबी रेखा से नीचे हैं. इस समुदाय के आठ प्रतिशत बच्चों की पहला जन्मदिन मनाने से पहले ही मौत हो जाती है. देश में आर्थिक असमानता और कर्ज वसूली में भेदभाव को लेकर कहा कि देश के ज्यादातर किसान चंद हजार रुपये का कर्ज न चुका पाने के चलते जान दे देते हैं, लेकिन विजय माल्या पर अरबों रुपये का कर्ज बकाया होने के बावजूद वह एक नोटिस मिलने पर देश छोड़ कर भाग गया, लेकिन उसका कुछ नहीं हुआ.