यूपी चुनाव चौथे चरण: बांदा में फायरिंग, फतेहपुर में एक की हत्या, रायबरेली में झड़प

लखनऊ : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के चौथे चरण के लिए 12 जिलों की 53 सीटों के लिए गुरुवार को औसतन करीब 61 प्रतिशत मतदान हुआ, जो वर्ष 2012 के चुनाव से करीब एक फीसदी ज्यादा है. मतदान के दौरान कई इलाकों में हिंसा की छिटपुट घटनाएं सामने आयीं. चुनाव आयोग ने कहा कि चौथे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 24, 2017 8:11 AM

लखनऊ : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के चौथे चरण के लिए 12 जिलों की 53 सीटों के लिए गुरुवार को औसतन करीब 61 प्रतिशत मतदान हुआ, जो वर्ष 2012 के चुनाव से करीब एक फीसदी ज्यादा है. मतदान के दौरान कई इलाकों में हिंसा की छिटपुट घटनाएं सामने आयीं.

चुनाव आयोग ने कहा कि चौथे चरण में करीब दो करोड़ मतदाताओं में से 61 फीसदी ने गुरुवार को मतदान किया. हालांकि मतदान का प्रतिशत 63 फीसदी के आंकड़े को छू सकता है. बुंदेलखंड के जालौन, झांसी, ललितपुर, महोबा, बांदा, हमीरपुर, चित्रकूट और फतेहपुर के साथ-साथ रायबरेली, प्रतापगढ़, कौशांबी और इलाहाबाद की 53 सीटों पर कुल 680 उम्मीदवारों की किस्मत इवीएम में बंद हो गयी.

बांदा में मतदान से कुछ घंटे पहले सपा और बसपा प्रत्याशियों के समर्थकों के बीच फायरिंग में एक निर्दलीय प्रत्याशी सहित चार लोग घायल हो गये. अपर पुलिस अधीक्षक राजेश सक्सेना ने बताया कि सपा के सदर से प्रत्याशी सिद्धगोपाल साहू तथा बसपा के प्रत्याशी अरिदमन सिंह नाना के समर्थकों की कारें आपस में टकरा गयीं, जिसके बाद झगड़ा बढ़ गया. दोनों पक्षों के बीच फायरिंग में निर्दलीय राकेश सिंह भी घायल हो गये. तीन अन्य लोग भी घायल हुए हैं. रायबरेली के लालूपुर बूथ पर विधायक अखिलेश सिंह से डीएम और एसपी की झड़प हुई. डीएम अनुझ झा ने उनके बूथ में रहने पर नाराजगी जतायी. फतेहपुर के सदर कोतवाली एरिया में वोट देकर लौट रहे बुजुर्ग की ईंट मारकर बेरहमी से हत्या कर दी गयी.

इस चरण में इलाहाबाद उत्तरी सीट पर सबसे ज्यादा 26 प्रत्याशी मैदान में हैं, वहीं खागा (फतेहपुर), मंझनपुर (कौशांबी) और कुंडा (प्रतापगढ़) में सबसे कम छह-छह उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.मतदान के दौरान सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किये गये थे.

2012 में 60% वोट पड़े तो सपा व बसपा को बढ़त मिली थी

कम मतदान से किसका नुकसान: 2012 में 59.9 फीसदी वोट पड़े थे तो सपा ने 24 और बसपा ने 15 सीटें जीती थीं. भाजपा को पांच व कांग्रेस के खाते में छह सीटें गयीं. लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव में इन इलाकों में भाजपा का बोलबाला रहा. सिर्फ रायबरेली की सीट कांग्रेस के खाते में गयी थी. 2007 के विधानसभा चुनाव में सिर्फ 43 फीसदी वोट पड़े तो बसपा ने बाजी मारी थी.

Next Article

Exit mobile version