भदोही की जनसभा में बोले अखिलेश, पैसे मिले तो रख लेना लेकिन साइकिल निशान को याद रखना

भदोही : समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया. इस जनसभा से उन्होंने सपा कांग्रेस गठबंधन को युवा नेताओं का गठबंधन करार दिया. उन्होंने भाजपा और मायावती पर निशाना साधा. हालांकि इस सभा में उन्होंने एक ऐसा बयान भी दे दिया जिस पर पहले ही अरविंद […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 4, 2017 12:51 PM

भदोही : समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया. इस जनसभा से उन्होंने सपा कांग्रेस गठबंधन को युवा नेताओं का गठबंधन करार दिया. उन्होंने भाजपा और मायावती पर निशाना साधा. हालांकि इस सभा में उन्होंने एक ऐसा बयान भी दे दिया जिस पर पहले ही अरविंद केजरीवाल और मनोहर पर्रिकर जैसे नेता चुनाव आयोग के निशाने पर हैं, उन्होंने कहा, सुना है बहुत पैसे बंट रहे हैं, आप पैसे रख लेना लेकिन साइकिल निशान को याद रखना.

अखिलेश के इस बयान पर चुनाव आयोग एक्शन ले सकता है. इसी तरह का बयान अरविंद केजरीवाल ने दिया था जिसके बाद चुनाव आयोग ने उनसे जवाब मांगा था. रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने भी इसी तरह का बयान दिया था जिस पर उन्हें चुनाव आयोग के नोटिस के बाद सफाई देनी पड़ी थी. अब अखिलेश ने इस तरह का बयान दे दिया है.
इस चुनावी सभा में अखिलेश ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि हमारे पास काम गिनाने के लिए हैं, जबकि इनके पास कुछ नहीं है. बुनकरों के लिए भी हमने काम किया, सड़क बना दीं ताकि आमलोगों को दिक्कत ना हो. रैली में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए अखिलेश ने कहा, आपकी उपस्थिति हमें अहसास करा रही है हम 11 तारीख को जीत रहे हैं. दूर दूर तक लाल टोपी पहने लोगों को देख रहा हूं. इतनी संख्या में माताएं बहनें आयी है. हमें जीत का पूरा भरोसा है. केंद्र सरकार के पास अपना काम बताने के लिए नहीं है. हमने जनता के लिए काम किया है.
अखिलेश ने बसपा प्रमुख मायावती पर भी निशाना साधते हुए कहा, कहने को तो वह हमारी बुआ हैं लेकिन कब वह भाजपा के साथ मिलकर रक्षाबंधन मना लें कहना मुश्किल है. उनसे सावधान रहना, वह भाषण देती नहीं पढ़ती है. मैंने कुर्सियों पर जनता को सोते देखा है. कांग्रेस गठबंधन पर भी अखिलेश ने कहा, दो युवा नेताओं का गठबंधन हुआ है. अब सभी लोग विकास की बात कर रहे हैं. वैसे लोग भी शामिल है जिन्होंने जीत जी अपनी मूर्ति लगा ली है.

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