उत्तर प्रदेश: शपथ ग्रहण से पहले ही ऐक्शन में अधिकारी, पांच नहीं केवल दो साल में करना होगा काम
लखनऊ/नयी दिल्ली: भाजपा बहुतम लाकर उत्तर प्रदेश में सरकार बनाने की अभी तैयारी ही कर रही है जबकि सूबे में विकास का काम शुरू हो गया है. प्रदेश के टॉप ब्यूरोक्रैट्स और पुलिस अधिकारियों को यह अहसास हो गया है कि 2019 के मध्य तक का समय उनके लिए पहली बड़ी डेडलाइन होने वाली है. […]
लखनऊ/नयी दिल्ली: भाजपा बहुतम लाकर उत्तर प्रदेश में सरकार बनाने की अभी तैयारी ही कर रही है जबकि सूबे में विकास का काम शुरू हो गया है. प्रदेश के टॉप ब्यूरोक्रैट्स और पुलिस अधिकारियों को यह अहसास हो गया है कि 2019 के मध्य तक का समय उनके लिए पहली बड़ी डेडलाइन होने वाली है.
2019 के मध्य तक आम चुनाव होंगे. लिहाजा अधिकारी बड़ी योजनाएं तैयार करने, पहले की योजनाओं की समीक्षा करने और प्रदेश आ रहे केंद्र सरकार के अधिकारियों के साथ बैठक करने में व्यस्त हो गये हैं. जानकारों की माने तो अधिकारियों के सामने एक बड़ा काम सपा और बसपा के 15 सालों के शासन में सीखे गए प्रशासन के ढर्रे को भूलने का होगा.
इस संबंध में इकनॉमिक टाइम्स ने लखनऊ और दिल्ली में कई ब्यूरोक्रैट्स और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से बातचीत की. इनमें से कुछ ने पहचान जाहिर न करने की शर्त पर ये बाते शेयर की. सीनियर अधिकारियों की माने तो पीएमओ के टॉप ऑफिशल नृपेंद्र मिश्रा और कैबिनेट सेक्रटरी पी के सिन्हा, दोनों ही यूपी काडर से हैं और इसका अर्थ यह है कि केंद्रीय स्तर पर प्रदेश के प्रशासन की ‘गहरी समझ’ वाले दो टॉप ऑफिसर हैं.
केंद्र सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने अखबार से बातचीत में कहा कि हमारे पास प्रदेश की तस्वीर बदलने के लिए पांच साल का वक्त नहीं है. हमारे पास मात्र दो साल हैं, जब यूपी में हमारे प्रदर्शन की परीक्षा 2019 के लोकसभा चुनाव में होने वाली है. यूपी का तेजी से विकास करने के मॉडल पर हमें काम करना होगा. उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था, 24 घंटे पेयजल आपूर्ति, बूचड़खानों को बंद कराना, कृषि कर्ज माफी और गन्ना किसानों के बकाये का भुगतान तो अभी सबसे अहम कमों में से है. राज्य के अधिकारियों को इस संबंध में जानकारी उपलब्ध करा दी गयी है.