लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी द्वारा राज्य के अवैध बूचडखाने बंद करने की कार्ययोजना बनाने और गायों की तस्करी पर पूर्ण पाबंदी के आज के निर्देश के बीच योगी की ‘वेबसाइट’ पर गौहत्या को लेकर जनमत संग्रह हो रहा है.
योगी के गोरखपुर में गोरखनाथ मंदिर स्थित कार्यालय ने वेबसाइट पर कराये जा रहे इस जनमत संग्रह की पुष्टि करते हुए बताया कि ‘डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डाट योगी आदित्यनाथ डाट इन’ वेबसाइट पर जनमत संग्रह में शामिल हुआ जा सकता है.
वेबसाइट पर ‘‘आपका मत” कालम के तहत सवाल किया गया है, ‘‘गौ-हत्या रोकने के लिए कठोर कानून बनाये जाने चाहिए.” जवाब ‘हां’ या ‘नहीं’ में देना है. ‘हां’ कहने वालों की संख्या वेबसाइट पर लगभग 85 फीसदी दर्शायी गयी है जबकि ‘नहीं’ कहने वाले 15 फीसदी हैं.
मत प्रकट करने वाले को वेबसाइट पर अपना नाम और मोबाइल नंबर भी दर्ज करना है. उसके बाद ‘सब्मिट’ बटन दबाकर अपनी राय दे देनी है. बताया जाता है कि जनमत संग्रह पिछले दो-तीन दिन से चल रहा है. उल्लेखनीय है कि योगी ने राज्य में पशु वधशालाएं बंद करने के भाजपा के चुनावी एजेंडा पर अमल शुरू करते हुए आज ही पुलिस अफसरों को पूरे राज्य में बूचडखाने बंद करने के लिये कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिये.
सरकारी सूत्रों के मुताबिक योगी ने प्रदेश में गायों की तस्करी पर पूर्ण पाबंदी लगाने और इस मामले में कोई भी ढिलाई बर्दाश्त ना करने के आदेश भी दिये हैं. भाजपा के चुनाव घोषणापत्र में कहा गया है कि प्रदेश में उसकी सरकार बनने पर सभी यांत्रिक पशु वधशालाएं बंद कर दी जाएंगी.
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह अपनी हर चुनावी जनसभा में कहते थे कि प्रदेश में उनकी पार्टी की सरकार आते ही मध्यरात्रि 12 बजे से पहले प्रदेश के सभी बूचडखाने बंद कर दिये जाएंगे. भाजपा के विधानसभा चुनाव से पूर्व जारी लोक कल्याण संकल्प पत्र में कहा गया है कि विगत शासनकाल में उत्तर प्रदेश में पशुधन की संख्या में गिरावट हुई है. दुधारु पशुओं की अवैध तस्करी से प्रदेश में डेयरी जैसे उद्योग का विकास नहीं हो रहा है.
संकल्प पत्र में कहा गया, ‘‘सभी अवैध कत्लखानों को पूरी कठोरता से बंद किया जाएगा और सभी यांत्रिक कत्लखानों पर प्रतिबंध लगाया जाएगा.” मुख्यमंत्री ने आज जारी आदेशों में असामाजिक तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के भी निर्देश दिये हैं. उन्होंने कहा कि जो लोग पुलिस सुरक्षा को ‘स्टेटस सिम्बल’ की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं, उन पर खतरे की जांच करके जरुरत पड़ने पर उनकी सुरक्षा में बदलाव भी किया जा सकता है.