Loading election data...

बूचड़खाने पर पाबंदी को लेकर मांस विक्रेताओं ने की स्वास्थ्य मंत्री से मुलाकात, हड़ताल जारी

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में बूचड़खानों पर हो रही कार्रवाई के बाद पैदा सूरतेहाल के बीच मांस विक्रेताओं तथा निर्यातकों के प्रतिनिधियों ने आज राज्य के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह से मुलाकात की. यह बैठक प्रदेश सरकार द्वारा मांस कारोबारियों के साथ ‘खुले जहन’ से बात करने की इच्छा जताये जाने के बाद हुई. हालांकि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 28, 2017 10:02 PM

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में बूचड़खानों पर हो रही कार्रवाई के बाद पैदा सूरतेहाल के बीच मांस विक्रेताओं तथा निर्यातकों के प्रतिनिधियों ने आज राज्य के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह से मुलाकात की. यह बैठक प्रदेश सरकार द्वारा मांस कारोबारियों के साथ ‘खुले जहन’ से बात करने की इच्छा जताये जाने के बाद हुई. हालांकि मांस व्यापारियों की बेमीयादी हड़ताल आज दूसरे दिन भी जारी रही.

मांस कारोबारियों से मुलाकात के बाद स्वास्थ्य मंत्री सिंह ने कहा कि उन्होंने इन व्यवसायियों द्वारा उठाये गये मुद्दों को सूचीबद्ध कर लिया है. हालांकि राज्य सरकार कोई भी अवैध काम नहीं होने देगी. मांस विक्रेताओं तथा निर्यातकों के संगठनों के प्रतिनिधियों ने सिंह के जरिये सरकार को ज्ञापन सौंप दिया है और अब वे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के इच्छुक हैं.

सिंह ने कल यहां संवाददाताओं से कहा था ‘यह कार्रवाई अवैध बूचड़खानों के खिलाफ ही है और जिनके पास लाइसेंस है, उन्हें डरने की आवश्यकता नहीं है. उन्हें लाइसेंस के नियम कायदों का पालन करना होगा. चिकन, मछली और अंडा विक्रेताओं के खिलाफ कार्रवाई का कोई आदेश नहीं दिया गया है. उन्‍हें डरने की जरुरत नहीं है.’

सिंह ने अधिकारियों को ताकीद भी की थी कि वे अति उत्साह में आकर अपनी हद से आगे बढ़कर कार्रवाई ना करें. इस बीच, मांस व्यवसायियों की हडताल आज दूसरे दिन भी जारी रही. लखनऊ बकरा गोश्त व्यापार मण्डल के पदाधिकारी मुबीन कुरैशी ने कहा ‘मटन व्यवसायियों द्वारा की जा रही हड़ताल कम से कम नवरात्र के अंत (पांच अप्रैल) तक चलेगी. सरकार से बातचीत के नतीजों के बाद यह तय होगा कि हड़ताल जारी रहेगी, या नहीं.’

आल इण्डिया मीट एण्ड लाइवस्टाक एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के महासचिव डी. बी. सभरवाल ने बूचड़खाने बंद किये जाने के बाद पैदा हालात पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि इससे सैकड़ों लोगों की रोजीरोटी छिन गयी है. एक अनुमान के मुताबिक अकेले लखनऊ में मांस की पांच हजार छोटी-बड़ी दुकानें हैं. हालांकि पूरे प्रदेश के बारे में ऐसा कोई आधिकारिक आंकड़ा उपलब्ध नहीं है.

Next Article

Exit mobile version