लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को सूर्य नमस्कार को नमाज का मिलता-जुलता स्वरूप बताया. उन्होंने कहा कि नमाज को जाति, पंथ और मजहब के आधार पर बांटनेवाले लोग योग में विश्वास नहीं कर सकते. मुख्यमंत्री ने यहां पतंजलि योगपीठ द्वारा आयोजित तीन दिवसीय ‘योग महोत्सव’ में कहा कि केंद्र सरकार का आयुष मंत्रालय भी प्रदेश के हर जिले में ऐसा योग महोत्सव मनाने और सहभागिता सुनिश्चित करने को तैयार है.
उन्होंने हिंदू-मुसलिम एकता पर जोर देते हुए कहा कि हम सबको तय करना होगा कि वास्तव में सांप्रदायिक कौन है. हम सूर्य नमस्कार करते हैं. उसमें जितने आसन आते हैं, जितनी मुद्राएं आती है, उसमें प्राणायाम की जो क्रियाएं हैं. उसे देखें, तो हमारे मुस्लिम बंधु जो नमाज पढ़ते हैं, वे उससे कितनी मिलती-जुलती हैं. एक-दूसरे के साथ कितना बेहतर समन्वय है, लेकिन कभी उसको जोड़ने का प्रयास नहीं किया गया. योगी ने किसी का नाम लिये बगैर कहा कि कुछ लोगों को योग में नहीं भोग में विश्वास है.