लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव की छोटी पुत्रवधू अपर्णा यादव और उनके पति प्रतीक यादव के राजधानी की ‘कान्हा उपवन गोशाला’ पहुंचे. गायों को हरा चारा और गुड़ खिलाया. अर्पणा और योगी की यह दूसरी मुलाकात थी. दोनों उत्तराखंड के हैं.
मुख्यमंत्री ने शनिवार को यह घोषणा की कान्हा उपवन की तर्ज पर राज्य के अन्य जिलों में भी गोशाला बनायी जायेगी. योगी नादरगंज स्थित कान्हा उपवन गौशाला का निरीक्षण करने आये थे. उन्होंने नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना से कहा कि अन्य नगर निगमों में भी गोवंशीय पशुओं के रख-रखाव के लिए इसी प्रकार की गोशाला स्थापित की जायें. जिन नगरों में पहले से गोशाला स्थापित हैं, उनकी क्षमता में बढ़ोतरी की जाये.
इससे गौ तस्करों से छुड़ाये गये एवं नगरों में खुले घूम रहे गोवंशीय पशुओं को आश्रय उपलब्ध कराने में सुविधा होगी, वहीं बीमार पशुओं के इलाज की मुकम्मल व्यवस्था भी होगी.’
बढ सकतीं हैं अखिलेश यादव की मुश्किलें
इन परिस्थितियों में हार की मायूसी के बीच अब सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा नेता अखिलेश यादव के समक्ष अपनी पार्टी को एकजुट रखना सबसे बड़ी चुनौती है. विधानसभा चुनाव से पहले पिता की इच्छा के विपरीत जाकर कांग्रेस से गठबंधन, सपा की शिकस्त और अब अपर्णा की इन मुलाकातों से पार्टी में बगावती तेवर सतह पर खुलकर आने के आसार नजर आ रहे हैं. अखिलेश को इन सभी मोर्चों पर सफलता पाने की चुनौती है. यानी हार से मायूस कार्यकर्ताओं में जोश भरने और उन्हें फिर से लड़ने के लिए तैयार करने के साथ-साथ घरेलू मोर्चे से लेकर सियासी मोर्चे पर उनको भविष्य में लड़ना होगा जो आसान काम नहीं है.