मुख्यमंत्री बनते ही योगी के बदले सुर, बोले, अयोध्या विवाद का हल बातचीत के जरिये निकाला जाए
नयी दिल्ली/लखनऊ : उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राम मंदिर मुद्दे का समाधान निकालने के लिए सहयोग देने की पेशकश करते हुए कहा कि अच्छा होगा कि दोनों पक्ष बातचीत के जरिये सौहार्दपूर्ण तरीके से इस समस्या का समाधान निकालें. अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि के मसले पर एक सवाल के जवाब में उत्तरप्रदेश के […]
By Prabhat Khabar Digital Desk |
April 4, 2017 8:57 AM
नयी दिल्ली/लखनऊ : उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राम मंदिर मुद्दे का समाधान निकालने के लिए सहयोग देने की पेशकश करते हुए कहा कि अच्छा होगा कि दोनों पक्ष बातचीत के जरिये सौहार्दपूर्ण तरीके से इस समस्या का समाधान निकालें. अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि के मसले पर एक सवाल के जवाब में उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ मैं माननीय सर्वोच्च न्यायालय की टिप्पणी का स्वागत करुंगा.’
उन्होंने कहा कि सरकार चूंकि वाद में नहीं है, तो जो दो पक्ष हैं दोनों बातचीत के माध्यम से कोई रास्ता निकालें. सरकार का कहीं सहयोग चाहिये, तो उस पर सरकार सहमत है. अच्छा होगा कि सौहार्दपूर्ण तरीके से इस समस्या का समाधान हो. यह पूछे जाने पर कि कुछ लोग कहते हैं, अवैध मांस बेचने वालों पर सख्ती करके आपने कई लोगों के तय ढंग-ढर्रे और स्वाद में खलल डाल दिया, योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इसमें मैं अपनी तरफ से कुछ भी नहीं कर रहा हूं. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने 2015 में और उच्चतम न्यायालय ने 2017 में उत्तर प्रदेश के अवैध बूचडखानों पर तमाम टिप्पणियां कीं और राज्य सरकार को कुछ निर्देश दिये थे. हमने इसी तर्ज पर अपनी कार्रवाई प्रारंभ की है.
उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा कि अवैध को आप वैध नहीं कह सकते. शासन के स्पष्ट निर्देश हैं. जो मानक को पूरा कर रहा है, लाइसेंस है, उसे कोई नहीं छेड़ेगा. लेकिन जो अवैध है वह तो अवैध है ही. दूसरे, अवैध बूचडखाने के नाम पर जन स्वास्थ्य खराब करने की छूट नहीं दी जा सकती. योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमने वैधानिक तरीके से कार्रवाई की है. एनजीटी और सर्वोच्च न्यायालय के आदेश को ध्यान में रखकर हमने यह किया है. निर्दोष को कोई परेशान नहीं कर सकता, इसके लिए मैं हरेक व्यक्ति को आश्वस्त कर सकता हूं. साथ ही यह भी कहता हूं कि प्रदेश की जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने की छूट किसी को नहीं दी जा सकती.
कानून एवं व्यवस्था के बारे में एक सवाल के जवाब में योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पिछली सरकार का मिजाज अलग था. सत्ता गलत हाथों में थी. जब सत्ता दंगाइयों को संरक्षण देगी, जब दंगाइयों को राज्य के विमान से बुलाकर सम्मानित करेगी तो उस प्रकार के तत्वों का दुस्साहस बढ़ेगा. उन्होंने कहा कि हमने प्रशासन से कह दिया है कि हर विभाग का फाइल इंडेक्स तैयार हो जाए. फाइल कब आ रही, कब जा रही है.. यह स्पष्ट हो. दूसरा, चेहरा देखकर कार्रवाई न करें. अपराधी कोई भी हो, सख्ती से निबटो, कहीं भेदभाव की शिकायत आएगी तो जवाबदेही सुनिश्चित कर लें.
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोग बेचैन हैं कि हमने अभी तक किसी को नहीं बदला है. हमने कहा है कि यही प्रशासन काम कर सकता है, जरुरत बस काम देने की है. आवश्यकता होगी तो हम स्थानांतरण करेंगे लेकिन वह एक उद्योग न हो, कमाई का जरिया न बने. यह सब एक सिरे से खारिज होगा. जो काम कर सकता है वह यहां रहेगा, जो काम नहीं करेगा वह अपना रास्ता देखे.