बेवजह तीन तलाक दिया तो सामाजिक बहिष्कार

लखनऊ : ऑल इंडिया मुसलिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने तीन तलाक को खत्म करने से इनकार किया है. हालांकि, एक आचार संहिता जारी की है, जिसमें शरिया कानून में बताये गये वजह से इतर तीन तलाक देनेवाले मर्दों का सामाजिक बहिष्कार करने की बात है. बोर्ड के महासचिव मौलाना वली रहमानी ने संस्था की कार्यकारिणी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 17, 2017 7:55 AM

लखनऊ : ऑल इंडिया मुसलिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने तीन तलाक को खत्म करने से इनकार किया है. हालांकि, एक आचार संहिता जारी की है, जिसमें शरिया कानून में बताये गये वजह से इतर तीन तलाक देनेवाले मर्दों का सामाजिक बहिष्कार करने की बात है. बोर्ड के महासचिव मौलाना वली रहमानी ने संस्था की कार्यकारिणी की बैठक के बाद कहा कि इसलामी शरीयत में मर्द व औरत दोनों को बराबर के अधिकार हैं. महिलाओं को उनका हक दिलाना सबकी जिम्मेवारी है. बोर्ड ने नदवा में हुई कार्यकारिणी की बैठक में पारित प्रस्ताव में कहा है कि जिन महिलाओं के साथ तलाक के बेजा इस्तेमाल के कारण नाइंसाफी हुई है, बोर्ड उनकी मदद करेगा.

बोर्ड ने तमाम मुसलिम संगठनों से अपील की कि वे मुसलिम महिलाओं को उनके शरिया अधिकार दिलाने के लिए तलाकशुदा औरतों, विधवाओं व बेसहारा महिलाओं की हरसंभव सहायता करें. इधर, बोर्ड की महिला शाखा प्रमुख डॉक्टर असमां जहरा ने कहा िक मुसलिम महिलाओं के तलाक का मामला धार्मिक नहीं, बल्कि सामाजिक मसला है. ऐसे में सिर्फ मुसलिम कानून को ही निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए. तलाक औरत को खतरे से बचाने के लिए रखा गया है. कानून को नहीं, लोगों को सुधारने की जरूरत है.

बाबरी मसजिद पर कोर्ट का फैसला ही मान्य: बोर्ड ने बाबरी विध्वंस मामले में आपसी बातचीत से हल निकालने की सुप्रीम कोर्ट की पेशकश को भी नामंजूर करते हुए तय किया है कि इस मामले में बोर्ड अदालत के फैसले को ही मानेगा.

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