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योगी की पुलिस को नसीहत : बदलें कार्यप्रणाली

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लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘कानून के राज’ को सर्वोच्च प्राथमिकता बताते हुए पुलिस को नसीहत दी है कि वह अपनी कार्यप्रणाली और व्यवहार में बदलाव लाये ताकि जनता को सुरक्षा महसूस हो. भ्रष्टाचार निवारण संगठन की कार्यप्रणाली से योगी नाराज हुए. उन्होंने कहा कि इसका पुनर्गठन हो और भ्रष्टाचार की […]

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लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘कानून के राज’ को सर्वोच्च प्राथमिकता बताते हुए पुलिस को नसीहत दी है कि वह अपनी कार्यप्रणाली और व्यवहार में बदलाव लाये ताकि जनता को सुरक्षा महसूस हो.

भ्रष्टाचार निवारण संगठन की कार्यप्रणाली से योगी नाराज हुए. उन्होंने कहा कि इसका पुनर्गठन हो और भ्रष्टाचार की शिकायत के लिए जनता को एक ‘टोल फ्री नंबर’ मुहैया कराया जाए. योगी ने कहा, ‘‘जनता में पुलिस की छवि सुधारनी होगी. पुलिस की छवि ऐसी होनी चाहिए कि अपराधियों में भय व्याप्त हो और जनता को सुरक्षा का एहसास हो.’ वह यहां शास्त्री भवन में गृह, सतर्कता और कारगार विभाग का प्रस्तुतिकरण देख रहे थे.

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मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘पुलिस अपनी कार्य प्रणाली और व्यवहार में परिवर्तन लाए, जिससे जनता को सुरक्षा महसूस हो सके और समाज में शान्ति का वातावरण कायम रहे.’ योगी ने सभी प्रकार के माफियाओं के विरुद्घ भी अभियान चलाकर कड़ी कार्रवाई के निर्देश देते हुए कहा कि पुलिस थानों व यूपी-100 की कार्यप्रणाली को और चुस्त-दुरुस्त बनाने की आवश्यकता है. यूपी-100 द्वारा घटना की जानकारी देने वाले व्यक्ति को किसी भी हाल में परेशान न किया जाए. पुलिस से सम्बन्धित सभी महकमों में भ्रष्टाचार पर प्रभावी अंकुश लगे.
उन्होंने कहा कि पुलिस आम जनता से सीधा संवाद करे और छोटी से छोटी घटनाओं का संज्ञान लेते हुए, उसके बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर कार्रवाई करे, जिससे ऐसी घटनाएं किसी बड़े खतरे का कारण न बन सकें. मुख्यमंत्री ने कहा कि नए थानों के निर्माण के लिए प्रस्ताव तैयार किया जाए और भारत सरकार को प्रेषित किया जाए. केंद्र सरकार के सहयोग से थाना निर्माण की योजना को पुनर्जीवित किया जाए.
उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस भर्ती की प्रक्रिया को भेदभाव रहित और भ्रष्टाचार मुक्त किया जाए. भर्तियों में खामियों की शिकायत नहीं मिलनी चाहिए. भर्तियों में खामियों की वजह से ही कई वाद उत्पन्न होते हैं और न्यायालय को हस्तक्षेप करना पड़ता है. इस कारण भर्तियां प्रभावित होती हैं और विलम्ब होता है.
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि पुलिस से जुड़े सभी विभाग कार्य योजना बनाकर अच्छी पुलिसिंग की दिशा में कार्य करना सुनिश्चित करें. उत्तर प्रदेश एक बड़ा राज्य है और संसाधनों की कमी भी है किन्तु पुलिस अपनी कार्य प्रणाली और चरित्र से ऐसा परिवर्तन लाए, जिससे आम जनता की पीडा का निवारण हो सके.
उन्होंने कहा, ‘‘राज्य के प्रत्येक व्यक्ति को सुरक्षा प्रदान करना हम सबका नैतिक दायित्व है. सुरक्षा और शान्ति के लिए खतरा पैदा करने वाले लोगों को चिन्ह्ति कर कार्रवाई की जाए. सतर्कता और सक्रियता ही पुलिस का मूल मंत्र होना चाहिए.’ योगी ने कहा कि थानों में जन सुविधाओं का प्रावधान किया जाए और वहां पर जनता के साथ मित्रतापूर्ण व्यवहार किया जाए. सुरक्षा के साथ जो कोई भी खिलवाड़ करे, उसे सख्ती से रोका जाए. उत्पीडन, आतंक और एसिड अटैक जैसी घटनाओं पर शीघ्रता से कार्रवाई की जाए.
उन्होंने पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त कार्यप्रणाली अपनाए जाने पर जोर देते हुए कहा कि पुलिस विभाग के अन्दर भी ऐसे लोगों को चिन्ह्ति किया जाए, जो अपराधियों और असामाजिक तत्वों से जुड़े हुए हैं. उन्होंने पुलिस अधिकारियों और कर्मियों के आन्तरिक अनुशासन पर बल दिया.
योगी ने पुलिस आधुनिकीकरण और संसाधनों की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि पुलिस को आधुनिकतम उपकरणों और नवीनतम तकनीक से लैस रहना होगा. महिलाओं और मानवाधिकारों की सुरक्षा एक बड़ी चुनौती है, जिससे निपटना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए.
* शातिर अपराधियों के साथ ना बरती जाए कोई रियायत : योगी
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शातिर अपराधियों के साथ कोई रियायत नहीं बरतने की हिदायत देते हुए कहा है कि जो भोजन सामान्य कैदी को दिया जाता है, वही पेशेवर अपराधियों और माफियाओं को भी मिले.
योगी ने कल देर रात कारागार विभाग के प्रस्तुतिकरण के अवसर पर कहा, ‘‘शातिर अपराधियों के साथ कोई रियायत न हो. उन्हें चिकित्सा के बहाने किसी प्रकार की छूट न दी जाए. उन्हें अन्य जेलों में शिफ्ट करने में किसी भी प्रकार की कोताही न बरती जाए.’ उन्होंने कहा, ‘‘सामान्य कैदी को जो भोजन दिया जाता है, वही व्यवस्था पेशेवर अपराधियों व माफियाओं के साथ भी अपनायी जाए. कारागार विहीन जिलों में कारागारों के निर्माण के काम में तेजी लायी जाए. रामपुर जिले का कारागार चूंकि शहर के बीचोबीच बनाया जाना प्रस्तावित है इसलिए इसके निर्माण सम्बन्धी कार्रवाई समीक्षा के बाद की जाए.’
मुख्यमंत्री ने कहा कि कारागारों में मोबाइल फोन जैमर की फूलप्रूफ व्यवस्था हो और 3-जी के साथ-साथ 4-जी से सम्बन्धित फोन कॉल्स व सन्देशों के आदान-प्रदान को जैमर के माध्यम से रोका जाए. कारागार में स्थापित वीडियो कांफ्रेंसिंग इकाइयों की कार्य प्रणाली भी चुस्त-दुरुस्त की जाए.
उन्होंने कहा कि कारागारों में आधुनिक सुरक्षा उपकरणों का प्रावधान किया जाए. नए कारागारों को आधुनिक उपकरणों व सुविधाओं के साथ निर्मित किया जाए. प्रस्तुतिकरण के दौरान दोनों उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य एवं डा दिनेश शर्मा सहित मंत्रिमण्डल के अन्य सदस्य मौजूद थे.

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