लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार प्रमुख शहरों और गांवों में नवविवाहित जोड़ों के लिए एक पैकेट बांटेगी, जिसमें कंडोम, गर्भनिरोधक गोलियां और प्रेग्नेंसी टेस्टिंग किट होंगे. इसके अलावा सास-बहू सम्मेलन का भी आयोजन किया जायेगा. यह योगी आदित्यनाथ सरकार की परिवार नियोजन की नयी नीति है. योजना की शुरुआत प्रदेशके घनी आबादीवाले जिलों से होगी.
योगी सरकार ने केंद्रीय परिवार नियोजन योजना पर काम करने का फैसला किया है, जिसे ‘मिशन परिवार विकास’ नाम दिया गया है. योगी के पूर्ववर्ती मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने नवंबर, 2016 में केंद्र सरकार की सलाह पर इस योजना को शुरू करने से मना कर दिया है.
दरअसल, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 10 नवंबर को सात राज्यों (उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और असम) को एक चिट्ठी लिखी. इसमें कहा गयाथाकि देश के 145 जिलों में शिशु-मातृ मृत्यु दर कम करने के लिए परिवार नियोजन की नीति लागू करें.
इनजिलों में कुलजन्म दर तीन या उससे अधिक है. भारत की आबादी में इनकी भागीदारी 28 फीसदी है, तो मातृएवं शिशु मृत्यु दर में क्रमश: 30 फीसदी और 50 फीसदी का योगदान है. सरकार की योजना है कि स्वास्थ्य केंद्रों और पंचायतों के जरिये 220 रुपये का परिवार नियोजन किट नवविवाहित जोड़ों को भेंट किया जाये, ताकि जन्म दर को नियंत्रित किया जा सके.
इस योजनामें उत्तर प्रदेश के सबसे ज्यादा जिलों (75 में से 57)को शामिल किया गया है. पूरे उत्तर प्रदेश की बात करें, तो हर महिला 3.3 बार गर्भधारण करती है.
केंद्र सरकार की इस योजना का उद्देश्य उत्तर प्रदेश में कुल जन्म दर को वर्ष 2025 तक 2.1 पर लाने का है. यहां बताना प्रासंगिक होगा कि बलरामपुर (4.8) और सिद्धार्थनगर (4.9) समेत उत्तर प्रदेश के 11 जिलों में जन्मदर चार या इससे अधिक है.
वाराणसी और अमेठी में जन्म दर सबसे कम
न्यूनतम जन्म दरवाले जिलों की बात करें, तो वाराणसी सबसे ऊपर है, जहां जन्म दर 2.3 है. अमेठी और गोरखपुर में यह आंकड़ा 2.7 है. राजधानी लखनऊ, कानपुर, नोएडा और गाजियाबाद जैसे शहरों में भी जन्म दर नियंत्रण में है.
एक बार इंजेक्शन लेने पर मिलेंगे 100 रुपये
परिवार नियोजन के लिए सरकार एक गर्भनिरोधक इंजेक्शन लाने जा रही है, जिसका इस्तेमाल करनेवाली महिलाओं को प्रति इंजेक्शन 100 रुपये दिये जायेंगे. 47,000 नर्सों और आशा कार्यकर्ताओं को यह इंजेक्शन देने की ट्रेनिंग दी जायेगी.
नसबंदी कराने पर मिलेगी अधिक राशि
इतना ही नहीं, नसबंदी करानेवाली महिलाओं को मिलनेवाले अनुदान में 50 फीसदी का इजाफा कर दिया गया है. पहले नसबंदी कराने पर 2,000 रुपये मिलते थे, अब 3,000 रुपये मिलेंगे.
सास-बहू सम्मेलन
ग्रामीण इलाकों में सास-बहू सम्मेलन भी आयोजित किये जायेंगे. इसमें यह बताया जायेगा कि सास और बहू का रिश्ता कैसा हो. इसके लिए कई तरह के खेलों का भी आयोजन किया जायेगा.