अहमदाबाद/लखनऊ : उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाते-बनाते खुद विवादों में घिर गये हैं. अखिलेश ने भारतीय सैनिकों की मौत पर सवाल उठाते हुए विवादित बयान दे दिया था. अब उनके विवादित बयान को लेकर सोशल मीडिया पर जमकर मजाक बनाया जा रहा है.
अखिलेश यादव ने कहा था कि, ‘‘उप्र, मध्य प्रदेश, दक्षिण भारत हर जगह से शहीद हुए हैं, गुजरात का कोई जवान शहीद हुआ है तो बताओ. ‘ अखिलेश ने भाजपा का नाम लिए बगैर कहा, ‘‘वे शहीद, वंदे मातरम और राष्ट्रवाद के नाम पर राजनीति करते हैं. उनकी परिभाषा (राष्ट्रवाद की) क्या है? वे हमें हिंदू तक नहीं मानते. ‘इसी बात को लेकर अब अखिलेश यादव और उनके यूपी चुनाव में सहयोगी रहे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को भी लोग सोशल मीडिया पर निशाना बनाया जा रहा है.
अखिलेश के बयान के बाद सोशल मीडिया पर #AkhileshInsultsMartyrs ट्रेंड करने लगा. भोला एचएमपी ने लिखा है- अखिलेश अब पूरे राहुल गांधी बन गए हैं. इसी प्रकार आरएस शर्मा ने लिखा है, ये हैं हमारे भविष्य के राजनेता, अखिलेश, केजरीवाल और राहुल देश के भविष्य का अंदाज़ा लगाइए.
अखिलेश की टिप्पणी पर राजनीतिक पार्टियों ने भी विरोध जताया. यूपी विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी की सहयोगी पार्टी कांग्रेस ने भी अखिलेश के बयान से पल्ला झाड़ लिया है. कांग्रेस प्रवक्ता मनीष दोषी ने सैनिकों की शहादत पर राजनीति को गलत बताते हुए कहा कि यह केंद्र में भाजपा सरकार की नाकामी है कि इतने सारे सैनिक शहीद हुए हैं. उन्होंने कहा, ‘‘हमारे बहादुर सैनिकों की शहादत पर राजनीतिक करना गलत है. वे देश से जुड़े हैं, देश के लिए लड़ते हैं और किसी क्षेत्र, धर्म, जाति या वर्ग से नहीं हैं.’
योग गुरु रामदेव ने कहा कि गुजरात ने सरदार पटेल जैसे नेता दिए हैं, जिन्होंने राष्ट्र को एकजुट किया है. उन्होंने कहा, ‘‘किसी नेता को किसी राज्य या इसकी संस्कृति के बारे में ऐसी टिप्पणी नहीं करनी चाहिए.’ भाजपा ने कहा है कि गुजरात के लोकप्रिय नेतृत्व पर यह यादव की हताशा है जिसने उन्हें ऐसा बयान देने के लिए मजबूर किया. राज्य सरकार ने उनकी आलोचना करते हुए कहा कि शहीदों की शहादत को क्षेत्र, धर्म, जाति या वर्ग के संकीर्ण नजरिए से नहीं देखना चाहिए.
भाजपा प्रवक्ता भरत पंड्या ने कहा, ‘‘गुजरात ने भारत के स्वाधीनता संघर्ष में अहम योगदान दिया है. यह महात्मा गांधी और वल्लभभाई पटेल (दोनों गुजराती) का नेतृत्व था कि ब्रिटिश शासन से हमें आजादी मिली.’
पंडया ने कहा, ‘‘कोई सैनिक राष्ट्र का होता है ना कि किसी राज्य का और उसके बलिदान को क्षेत्रीय स्तर पर नहीं देखना चाहिए. यहां तक गुजरात के सैनिक भी शहीद हुए हैं.’ अखिलेश के बयान पर टिप्पणी जाहिर करते हुए उप्र के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने कहा, ‘‘उनकी बातों और राजनीति को राज्य के लोगों ने खारिज कर दिया है. यही कारण है कि वह हताशा में ऐसे बयान दे रहे हैं.’ रामदेव ने कहा कि यह (गुजरात) सरदार पटेल की भूमि है, जिन्होंने इस देश को एकजुट किया, जो कभी लगभग 560 देशी रियासतों में बंटा हुआ था. क्या वीरता का इससे बड़ा कोई उदाहरण हो सकता है?