लोगों को मांस खाने से नहीं रोक सकती सरकार, इलाहाबाद हाइकोर्ट ने योगी सरकार को दिया सख्त निर्देश
लखनऊ: इलाहाबाद हाइकोर्ट ने कहा है कि सरकार मांसाहारियों को उनकी पसंद का भोजन खाने से नहीं रोक सकती. कोर्ट ने कहा कि उत्तर प्रदेश में आधुनिक बूचड़खाने बनाना और उन्हें संचालित करना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है . हाइकोर्ट की लखनऊ पीठ ने मांस व्यापारियों से कहा कि वे लाइसेंस के लिए आवेदन करें. […]
लखनऊ: इलाहाबाद हाइकोर्ट ने कहा है कि सरकार मांसाहारियों को उनकी पसंद का भोजन खाने से नहीं रोक सकती. कोर्ट ने कहा कि उत्तर प्रदेश में आधुनिक बूचड़खाने बनाना और उन्हें संचालित करना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है .
हाइकोर्ट की लखनऊ पीठ ने मांस व्यापारियों से कहा कि वे लाइसेंस के लिए आवेदन करें. साथ ही संबद्ध अधिकारियों को खाद्य सुरक्षा कानून 2006 के तहत नियम के अनुसार जल्द से जल्द लाइसेंस जारी करने का निर्देश दिया.
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जस्टिस पी शाही और संजय हरकौलि की पीठ ने कहा कि अगर स्थानीय अधिकारियों को ऐसा करने में कोई दिक्कत पेश आये, तो वे सही दिशा-निर्देश के लिए राज्य सरकार से बात कर सकते हैं.
पीठ ने इस संबंध में दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए उच्चाधिकार प्राप्त समिति से भी कहा कि वह पशुवध और लाइसेंस जारी करने के मामले में एक सुसंगत नीति बनाये. याचिकाकर्ताओं की मांग है कि उनके लाइसेंस का नवीनीकरण किया जाना चाहिए, जो 31 मार्च, 2017 को समाप्त हो गये थे.
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पीठ अब इस मामले में 17 जुलाई, 2017 को सुनवाई करेगा.