सदन में भी दिखी अखिलेश और शिवपाल के बीच तल्खी
लखनऊ : उत्तर प्रदेश के ‘समाजवादी’ कुनबे में जारी तल्खी आज विधानसभा सत्र के पहले दिन सदन में भी नजर आयी. समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सदन में अपने प्रतिद्वंद्वी चाचा शिवपाल सिंह यादव से नजरें मिलाने से भी परहेज किया. इटावा की जसवन्तनगर सीट से सपा विधायक शिवपाल आज विधानसभा पहुंचे और […]
लखनऊ : उत्तर प्रदेश के ‘समाजवादी’ कुनबे में जारी तल्खी आज विधानसभा सत्र के पहले दिन सदन में भी नजर आयी. समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सदन में अपने प्रतिद्वंद्वी चाचा शिवपाल सिंह यादव से नजरें मिलाने से भी परहेज किया.
इटावा की जसवन्तनगर सीट से सपा विधायक शिवपाल आज विधानसभा पहुंचे और सपा सदस्यों में सबसे पीछे की पंक्ति में बैठ गये. वहीं, पार्टी अध्यक्ष अखिलेश सबसे आगे की सीट पर बैठे थे. कुछ साथी सदस्यों ने जब शिवपाल को सबसे पीछे बैठे देखा तो उन्हें आगे बुलाया. इस पर शिवपाल अखिलेश के ठीक पीछे वाली सीट पर बैठ गये, मगर सपा अध्यक्ष ने उन्हें देखने के बजाय ना तो किसी तरह का अभिवादन किया और ना ही कोई बात की.
VIDEO : यूपी विधानसभा सत्र के पहले दिन विपक्ष का भारी हंगामा, राज्यपाल के ऊपर फेंके गये कागज के टुकड़े
इस बीच, एक सपा सदस्य ने शिवपाल को लाल टोपी दी, जिसे उन्होंने पहन लिया और सदन में राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान हंगामा कर रहे साथी सदस्यों के साथ खड़े रहे. उल्लेखनीय है कि शिवपाल और अखिलेश के बीच राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता जगजाहिर है. पिछले साल सितम्बर में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश द्वारा भ्रष्टाचार के आरोपी मंत्री गायत्री प्रजापति तथा राजकिशोर सिंह को बर्खास्त किये जाने के बाद शिवपाल और उनके बीच पैदा हुई तल्खी इस घटनाक्रम के कुछ ही दिनों बाद अखिलेश को सपा प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाये जाने को लेकर चरम पर पहुंच गयी थी.
इसी साल एक जनवरी को सपा के राष्ट्रीय अधिवेशन में अखिलेश को सपा का अध्यक्ष बना दिया गया था, बाद में पार्टी पर अधिकार के लिये चुनाव आयोग पहुंची लड़ाई में भी अखिलेश की ही जीत हुई थी. सियासी उठापटक में अपने भतीजे से मात खाये शिवपाल ने हाल में समाजवादी सेक्युलर मोर्चा गठित करने का एलान करते हुए कहा था कि सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव इस मोर्चे के अध्यक्ष होंगे.
इस कदम को अपनी राजनीतिक पकड़ बनाये रखने की शिवपाल की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है. हालांकि मुलायम ने मोर्चे के गठन की योजना से अनभिज्ञता जाहिर करते हुए कहा था कि उनकी इस बारे में शिवपाल से कोई बात ही नहीं हुई है.