लखनऊ : उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने सूबे के अल्पसख्यकों को जोर का झटका धीरे से देने का काम किया है. योगी सरकार ने समाज कल्याण विभाग की 28 महत्वपूर्ण योजनाओं में मिलने वाला 20 फीसदी कोटा समाप्त करने का आदेश दिया. राज्य के समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री ने इस आदेश को मंजूरी प्रदान करते हुए कहा कि अब इस प्रस्ताव को जल्द योगी सरकार के मंत्रिमंडल के सामने पेश किया जायेगा. सरकार को इस बात की उम्मीद है कि उनके इस प्रस्ताव को मंत्रिमंडल की मंजूरी मिल जायेगी.
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गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के समाज कल्याण विभाग के तहत करीब 85 योजनाएं संचालित की जा रही हैं. सभी योजनाओं में अल्पसंख्यकों को 20 फीसदी कोटा दिया जाता है. जिलों के जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में बनी एक समिति इन योजनाओं की निगरानी करती है. वर्ष 2012 में समाजवादी पार्टी की सरकार ने योजनाओं में अल्पसंख्यकों को 20 फीसदी कोटा मंजूर किया था. उस समय विपक्ष ने आरोप लगाया था कि सपा सरकार अल्पसंख्यकों को रिझाने के लिए ऐसा कर रही है.
इस मसले पर समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री का कहना है कि हम किसी योजना में किसी को कोटा देने के पक्ष में नहीं हैं. उन्होंने कहा कि योजनाओं में किसी भी प्रकार को कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए. वहीं, वक्फ बोर्ड राज्यमंत्री मोहसिन रजा ने कहा कि पिछली सरकार ने योजनाओं में कोटा देकर लोगों के साथ भेदभाव किया है. समाज कल्याण की योजनाओं में सबका अधिकार एक समान है. उधर, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने भी कहा कि योजनाओं में कोटे का कोई मतलब नहीं है. योजनाएं सभी के विकास के लिए तैयार की जाती हैं. फिर इसमें कोटा क्यों प्रदान किया जाये.
गौर करने वाली बात यह भी है कि उत्तर प्रदेश में इस समय कृषि, गन्ना विकास, लघु सिंचाई, उद्यान, पशु-पालन, कृषि विपणन, ग्रामीण विकास, पंचायती राज, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, लोक निर्माण, सिंचाई, ऊर्जा, लघु उद्योग, खादी ग्रामोद्योग, रेशम विकास, पर्यटन, बेसिक शिक्षा, उच्च शिक्षा, युवा कल्याण, नगर विकास, नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन, समाज कल्याण, पिछड़ा वर्ग कल्याण, व्यावसायिक शिक्षा, विकलांग कल्याण, महिला कल्याण, दुग्ध विकास तथा समग्र ग्राम विकास विभाग की योजनाओं में कोटा प्रदान किया जा रहा है.