शिवपाल के बड़े बोल- जहां नेताजी खड़े हो जाते हैं, वहीं से होती है समाजवाद की शुरुआत
लखनऊ : समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव ने गुरुवार को अपने बड़े भाइर् मुलायम सिंह यादव के बारे में बड़े बोल बोलते हुए कहा कि जहां नेताजी खड़े हो जाते हैं, वहीं से समाजवाद की शुरुआत होती है. इसके साथ ही, उन्होंने इस बात का भी एेलान किया कि वे आगामी […]
लखनऊ : समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव ने गुरुवार को अपने बड़े भाइर् मुलायम सिंह यादव के बारे में बड़े बोल बोलते हुए कहा कि जहां नेताजी खड़े हो जाते हैं, वहीं से समाजवाद की शुरुआत होती है. इसके साथ ही, उन्होंने इस बात का भी एेलान किया कि वे आगामी छह जुलाइर् को नयी पार्टी समाजवादी सेक्यूलर फ्रंट की घोषणा करेंगे. उन्होंने कहा कि गठित होने वाली इस पार्टी का मुख्यालय वहीं होगा, जहां नेताजी रहेंगे. इसके साथ ही उन्होंने समाजवादी पार्टी के मुखिया आैर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर भी जमकर निशाना साधा.
चुगलखोरी की वजह से परिवार में उपजा मतभेद
‘चापलूसी और चुगलखोरी’ की वजह से समाजवादी ‘परिवार’ में मतभेद हैं और वह सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ तल्खी दूर करने के लिए पार्टी संस्थापक मुलायम सिंह यादव की सरपरस्ती में बातचीत करने के लिए तैयार हैं. पिछली एक जनवरी को अखिलेश के सपा अध्यक्ष बनने के बाद हाशिये पर पहुंचे शिवपाल ने कहा कि अगर पूरा परिवार एकजुट हो जाए, तो सपा को अपने भविष्य के लिए ‘बैसाखियों’ के सहारे की जरूरत नहीं पड़ेगी.
सदन में भी दिखी अखिलेश और शिवपाल के बीच तल्खी
शिवपाल ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि सिर्फ चापलूसी और चुगलखोरी की वजह से ही समाजवादी परिवार में झगड़ा हुआ था. उन्होंने कहा कि हमने परिवार में एकजुटता की बात नेताजी (मुलायम) पर छोड़ दी है. मैं तो अखिलेश से बात करने को तैयार हूं. इसके लिए नेताजी से बेहतर कोई नहीं है, मगर हमारा फार्मूला वही है कि नेताजी का सम्मान लौटा दो. मालूम हो कि शिवपाल अखिलेश से मुलायम को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद लौटाने की बार-बार मांग कर रहे हैं.
सपा दो फाड़: क्या अखिलेश ने शिवपाल को कहा आस्तीन का सांप ?
आगामी 27 अगस्त को पटना में राष्ट्रीय जनता दल मुखिया लालू प्रसाद यादव की रैली में अखिलेश और बसपा प्रमुख मायावती के मंच साझा करने की खबरों के बारे में पूछे जाने पर शिवपाल ने कहा कि अगर परिवार एक हो जाये, तो बैसाखियों की जरूरत नहीं पड़ेगी. उन्होंने आगाह किया कि अगर मुलायम की उपेक्षा जारी रही, तो गत विधानसभा चुनाव में महज 47 सीटें जीतने वाली सपा की स्थिति इससे भी बुरी हो जायेगी. शिवपाल ने कहा कि सपा कमजोर हो रही है. सपा विपक्ष की भूमिका ठीक ढंग से नहीं निभा पा रही है, क्योंकि लोगों को न्याय नहीं मिल पा रहा है. शिवपाल ने कहा कि वह समाजवादी सेक्युलर मोर्चा बनायेंगे, जिसमें सपा से उपेक्षित लोगों को शामिल किया जायेगा. साथ ही, समान विचारधारा वाली अन्य पार्टियों से भी एक मंच पर आने को कहा जायेगा.
शिवपाल ने गाया गाना, कसमें, वायदें, प्यार, वफा …..
यह पूछे जाने पर कि क्या यह ‘जनता परिवार’ को एकजुट करने की नई कवायद है, उन्होंने कहा कि हां, सबसे बात की जायेगी.’ इस सवाल पर कि क्या समाजवादी परिवार में झगड़े की जड़ बताये जाने वाले अमर सिंह को भी मोर्चे में शामिल किया जायेगा? इस सवाल पर शिवपाल ने कहा कि उनसे बात की जायेगी. पूर्व मंत्री ने दोहराया कि उनका मोर्चा कोई राजनीतिक दल नहीं होगा, बल्कि यह सपा का ही हिस्सा होगा, जिसके अध्यक्ष मुलायम होंगे. यह पूछे जाने पर कि इस मोर्चे की वजह से सपा में और मतभेद बढेगा, शिवपाल ने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया.
मालूम हो कि शिवपाल ने कल घोषणा की थी कि वह आगामी छह जुलाई को समाजवादी सेक्युलर मोर्चे का गठन करेंगे. सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव इस मोर्चे के अध्यक्ष होंगे, जबकि वह खुद इसके संयोजक होंगे. सपा की कमियों को दूर करना इस मोर्चे का उद्देश्य होगा. शिवपाल ने पिछले महीने ही समाजवादी सेक्युलर मोर्चे के गठन का ऐलान किया था. उन्होंने आरोप लगाया था कि सपा में बार-बार उनका और मुलायम का अपमान किया गया.