Aaj Ka Panchang 16 अक्तूबर सोमवार 2023: पंचांग (Panchang) का खास महत्व है. पंचांग के जरिए शुभ दिन, शुभ मुहूर्त, शुभ योग, दिन के अशुभ समय, ग्रहों की स्थिति आदि का पता चलता है. पंचांग से दिशाशूल, सूर्योदय, चंद्रोदय, सूर्यास्त, चंद्रास्त आदि के बारे में भी जानकारी मिलती है. इसके जरिए शुभ कार्य का समय जाना जा सकता है, साथ ही किस समय व्यक्ति को सावधान रहना चाहिए, इसका भी पता चलता है. सनातन परंपरा में किसी भी शुभ या मांगलिक कार्य को शुरू करने से पहले शुभ मुहूर्त पर विशेष ध्यान दिया जाता है. मान्यता है कि शुभ मुहूर्त के दौरान किए गए कार्य से व्यक्ति को विशेष लाभ मिलता है. यह परंपरा पौराणिक काल से चली आ रही है. वैदिक शास्त्र के अनुसार, शुभ मुहूर्त वह विशेष समय होता है, जब सौरमंडल में ग्रह और नक्षत्र की स्थिति वशिष्ठ कार्य के लिए शुभ होती है. यही कारण है कि बाधा और समस्याओं को दूर रखने के लिए शुभ मुहूर्त का पालन किया जाता है. पंचांग के मुताबिक आज पितृपक्ष की नवमी का श्राद्ध है. इस दौरान लोग अपने पितरों का श्राद्ध करने के लिए काशी, प्रयागराज जैसे तीर्थस्थल पहुंच रहे हैं. इस दौरान गंगा स्नान का विशेष महत्व है. आज 16 अक्तूबर 2023 दिन रविवार का पंचांग (Monday Panchang) क्या कहता है.
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आश्विन शुक्ल पक्ष द्वितीया रात -12:19 उपरांत तृतीया
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श्री शुभ संवत-2080,शाके-1945, हिजरी सन-1444-45
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सूर्योदय लखनऊ- 06:09
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सूर्यास्त लखनऊ- 17:33
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चन्द्रोदय लखनऊ- 07:20
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चन्द्रास्त लखनऊ- 18:32
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शुभ मुहूर्त अभिजीत लखनऊ: 11:28 − 12:14
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सूर्योदय कालीन नक्षत्र-स्वाति उपरांत विशाखा, योग-विष्कुम्भ, करण-वा, सूर्योदय कालीन ग्रह विचार-सूर्य-कन्या, चंद्रमा-तुला, मंगल-तुला, बुध-कन्या, गुरु-मेष, शुक्र-सिंह,शनि-कुंभ, राहु-मेष, केतु-तुला
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नवरात्रि पर्व का दूसरा दिन देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा के लिए समर्पित है. नवरात्रि के दूसरे दिन भक्त ब्रह्मचारिणी पूजा करते हैं. देवी ब्रह्मचारिणी देवी दुर्गा का दूसरा रूप हैं जो भगवान महादेव से विवाह करने की दृढ़ इच्छा रखती हैं. उन्हें देवी पार्वती का अविवाहित रूप माना जाता है. हजारों वर्षों की लंबी तपस्या के बाद, भगवान शिव की पत्नि बनने की उनकी इच्छा पूरी हुई. देवी ब्रह्मचारिणी अपार शक्ति और सच्चे प्रेम का प्रतीक हैं. ‘ब्रह्मा’ शब्द को पवित्र ज्ञान, पूर्ण वास्तविकता और आत्म-विद्यमान आत्मा के साथ निरुपित करता है और ‘चारिणी’ शब्द आचार और व्यवहार को दर्शाता है.
मां ब्रह्मचारिणी का बीज मंत्र: नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी को प्रसन्न करने के लिए उनके बीज मंत्र ‘ह्रीं श्री अम्बिकायै नमः’ का 108 बार जाप कर सकते हैं. इसके अलावा ‘ या देवी सर्वभूतेषु मां ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।। का जप करना शुभ होता है.
चौघड़िया के बारे में सटीक चौघड़िया सूची के साथ जानें और दिन का सबसे शुभ समय निर्धारित करें. यदि आप कुछ नया शुरू कर रहे हैं या यात्रा पर जा रहे हैं तो चौघड़िया से आप आज के शुभ मुहूर्त या सबसे अच्छे समय को पूर्व निर्धारित कर सकते हैं. जैसा कि नाम से पता चलता है, चौघड़िया, जो कि वैदिक हिंदू कैलेंडर है, जिसमें 96 मिनट की ‘चार घड़ी’ शामिल हैं, जिसमें प्रत्येक घड़ी 24 मिनट के बराबर है.
करने योग्य गतिविधियां
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प्रातः 06:09 से 07:34 अमृत (सभी प्रकार के कार्य, विशेष रूप से दुग्ध उत्पाद संबंधित)
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प्रात:07:34 से 09:00 तक काल (मशीन, निर्माण और कृषि संबंधी गतिविधियां)
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प्रातः 09:00 से 10:25 तक शुभ (विवाह, धार्मिक, शिक्षा गतिविधियां)
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प्रातः 10:25 से 11:50 रोग (वाद-विवाद, प्रतियोगिता, विवाद निपटारा)
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प्रात: 11:50 से 13:16 उद्वेग (सरकार से संबंधित कार्य)
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दोपहरः 13:16 से 14:41 तक चर (यात्रा, सौंदर्य, नृत्य, सांस्कृतिक गतिविधियां)
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दोपहरः 14:41 से 16:07 तक लाभ (नया व्यवसाय, शिक्षा प्रारंभ करें)
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शामः 16:07 से 17:32 तक अमृत (सभी प्रकार के कार्य, विशेष रूप से दुग्ध उत्पाद संबंधित)
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उपायः प्रतिदिन सुबह और शाम घर में संध्यावंदन के समय कर्पूर जरूर जलाएं.
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आराधनाः ऊं जयन्ती मङ्गलाकाली भद्रकाली कपालिनी। दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते”।।
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खरीदारी के लिए शुभ समयः
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शामः 04:30 से 06:00 तक
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राहु काल: प्रातःकाल 7:35 से 9:00 बजे तक
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दिशाशूल-पूर्व एवं आग्नेय