Aaj Ka Panchang 17 अक्तूबर मंगलवार 2023: पंचांग (Panchang) का खास महत्व है. पंचांग के जरिए शुभ दिन, शुभ मुहूर्त, शुभ योग, दिन के अशुभ समय, ग्रहों की स्थिति आदि का पता चलता है. पंचांग से दिशाशूल, सूर्योदय, चंद्रोदय, सूर्यास्त, चंद्रास्त आदि के बारे में भी जानकारी मिलती है. इसके जरिए शुभ कार्य का समय जाना जा सकता है, साथ ही किस समय व्यक्ति को सावधान रहना चाहिए, इसका भी पता चलता है. सनातन परंपरा में किसी भी शुभ या मांगलिक कार्य को शुरू करने से पहले शुभ मुहूर्त पर विशेष ध्यान दिया जाता है. मान्यता है कि शुभ मुहूर्त के दौरान किए गए कार्य से व्यक्ति को विशेष लाभ मिलता है. यह परंपरा पौराणिक काल से चली आ रही है. वैदिक शास्त्र के अनुसार, शुभ मुहूर्त वह विशेष समय होता है, जब सौरमंडल में ग्रह और नक्षत्र की स्थिति वशिष्ठ कार्य के लिए शुभ होती है. यही कारण है कि बाधा और समस्याओं को दूर रखने के लिए शुभ मुहूर्त का पालन किया जाता है. पंचांग के मुताबिक आज पितृपक्ष की नवमी का श्राद्ध है. इस दौरान लोग अपने पितरों का श्राद्ध करने के लिए काशी, प्रयागराज जैसे तीर्थस्थल पहुंच रहे हैं. इस दौरान गंगा स्नान का विशेष महत्व है. आज 17 अक्तूबर 2023 दिन मंगलवार का पंचांग (Tuesday Panchang) क्या कहता है.
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आश्विन शुक्ल पक्ष तृतीया रात -12:16 उपरांत चतुर्थी
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श्री शुभ संवत-2080,शाके-1945, हिजरी सन-1444-45
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सूर्योदय लखनऊ- 06:10
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सूर्यास्त लखनऊ- 17:32
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चन्द्रोदय लखनऊ- 08:19
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चन्द्रास्त लखनऊ- 19:10
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शुभ मुहूर्त अभिजीत लखनऊ: 11:28 − 12:14
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अमृत कालम्: 11:13 − 12:52
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सूर्योदय कालीन नक्षत्र- विशाखा उपरांत अनुराधा, योग-प्रीति, करण-तै,
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सूर्योदय कालीन ग्रह विचार-सूर्य-कन्या, चंद्रमा-तुला, मंगल-तुला, बुध- कन्या, गुरु-मेष, शुक्र-सिंह, शनि-कुंभ, राहु-मेष, केतु-तुला
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शारदीय नवरात्रि के तीसरे दिन 17 अक्टूबर, मंगलवार को देवी चंद्रघंटा की पूजा का दिन है. देवी का ये स्वरूप बेहद ही कल्याणकारी माना गया है, इस रूप की पूजा से सभी संकटों से मुक्ति मिलती है. पूजा के लिए सुबह जल्दी स्नान आदि करने के बाद एक साफ स्थान पर देवी चंद्रघंटा की तस्वीर या चित्र स्थापित करें. देवी को फूल माला चढ़ाएं, कुमकुम से तिलक करें और इसके बाद कुंकुम, चावल, अबीर, गुलाल, रोली, मेहंदी, हल्दी आदि चीजें एक-एक करके चढ़ाते रहें. इसके साथ ही इस मंत्र 11 बार बोलें.
पिण्डज प्रवरारूढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता। प्रसादं तनुते मह्यम् चन्द्रघण्टेति विश्रुता॥
इसके बाद अपनी इच्छा अनुसार भोग लगाएं और आरती करें.
चौघड़िया के बारे में सटीक चौघड़िया सूची के साथ जानें और दिन का सबसे शुभ समय निर्धारित करें. यदि आप कुछ नया शुरू कर रहे हैं या यात्रा पर जा रहे हैं तो चौघड़िया से आप आज के शुभ मुहूर्त या सबसे अच्छे समय को पूर्व निर्धारित कर सकते हैं. जैसा कि नाम से पता चलता है, चौघड़िया, जो कि वैदिक हिंदू कैलेंडर है, जिसमें 96 मिनट की ‘चार घड़ी’ शामिल हैं, जिसमें प्रत्येक घड़ी 24 मिनट के बराबर है.
करने योग्य गतिविधियां
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प्रातः 06:09 से 07:34 रोग (वाद-विवाद, प्रतियोगिता, विवाद निपटारा)
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प्रात:07:34 से 09:00 तक उद्वेग (सरकार से संबंधित कार्य)
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प्रातः 09.00 से 10.25 तक चर (यात्रा,सौंदर्य, नृत्य,सांस्कृतिक गतिविधियां)
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प्रातः 10:25 से 11:50 लाभ (नया व्यवसाय, शिक्षा प्रारंभ करें)
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दोपहर:11:50 से 13:16 तक अमृत (सभी प्रकार के कार्य-विशेष रूप से दुग्ध उत्पाद संबंधित)
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दोपहरः 13:16 से 14:41 तक काल (मशीन, निर्माण और कृषि संबंधी गतिविधियां)
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शामः 14:41 से 16:06 तक शुभ (विवाह, धार्मिक, शिक्षा गतिविधियां)
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शामः 16:06 से 17:31 तक रोग (वाद-विवाद, प्रतियोगिता, विवाद निपटारा)
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उपायः सफेद रंग की वस्तुएं यथा तिल, चावल आदि का दान करना चाहिए. इसके अलावा पानी में पांच से सात दाने सफेद तिल के डाल कर उससे स्नान करें.
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आराधनाः भगवान शंकर जी की आराधना करें.
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खरीदारी के लिए शुभ समयः
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दोपहर:12:00 से 1:30 तक
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राहु काल: अपराह्न 2:42 से 4:07 बजे तक
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दिशाशूल-पूर्व एवं आग्नेय