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Aaj ka Panchang 21 अक्तूबर 2023: आश्विन शुक्ल पक्ष सप्तमी उपरांत अष्टमी आज, जानें मां कालरात्रि की पूजा विधि

Aaj Ka Panchang 21 October 2023: पंचांग का खास महत्व है. पंचांग के जरिए शुभ दिन, शुभ मुहूर्त, शुभ योग, दिन के अशुभ समय, ग्रहों की स्थिति आदि का पता चलता है. पंचांग से दिशाशूल, सूर्योदय, चंद्रोदय, सूर्यास्त, चंद्रास्त आदि के बारे में भी जानकारी मिलती है. इसके जरिए शुभ कार्य का समय जाना जा सकता है.

By Sanjay Singh | October 21, 2023 12:31 AM

Aaj Ka Panchang 21 अक्तूबर शनिवार 2023: पंचांग (Panchang) का खास महत्व है. पंचांग के जरिए शुभ दिन, शुभ मुहूर्त, शुभ योग, दिन के अशुभ समय, ग्रहों की स्थिति आदि का पता चलता है. पंचांग से दिशाशूल, सूर्योदय, चंद्रोदय, सूर्यास्त, चंद्रास्त आदि के बारे में भी जानकारी मिलती है. इसके जरिए शुभ कार्य का समय जाना जा सकता है, साथ ही किस समय व्यक्ति को सावधान रहना चाहिए, इसका भी पता चलता है. सनातन परंपरा में किसी भी शुभ या मांगलिक कार्य को शुरू करने से पहले शुभ मुहूर्त पर विशेष ध्यान दिया जाता है. मान्यता है कि शुभ मुहूर्त के दौरान किए गए कार्य से व्यक्ति को विशेष लाभ मिलता है. यह परंपरा पौराणिक काल से चली आ रही है. वैदिक शास्त्र के अनुसार, शुभ मुहूर्त वह विशेष समय होता है, जब सौरमंडल में ग्रह और नक्षत्र की स्थिति वशिष्ठ कार्य के लिए शुभ होती है. यही कारण है कि बाधा और समस्याओं को दूर रखने के लिए शुभ मुहूर्त का पालन किया जाता है. पंचांग के मुताबिक आज पितृपक्ष की नवमी का श्राद्ध है. इस दौरान लोग अपने पितरों का श्राद्ध करने के लिए काशी, प्रयागराज जैसे तीर्थस्थल पहुंच रहे हैं. इस दौरान गंगा स्नान का विशेष महत्व है. आज 21 अक्तूबर 2023 दिन शनिवार का पंचांग (Saturday Panchang) क्या कहता है.

आज का पंचांग: 21 अक्तूबर शनिवार 2023

  • आश्विन शुक्ल पक्ष सप्तमी रात-07:27 उपरांत अष्टमी

  • श्री शुभ संवत-2080, शाके-1945, हिजरी सन-1444-45

  • सूर्योदय: 06:12

  • सूर्यास्त: 17:29

  • चन्द्रोदय: 12:25

  • चन्द्रास्त: 22:48

  • शुभ मुहूर्त

  • अभिजीत: 11:28 − 12:13

  • अमृत कालम्: 15:05 − 16:37

  • सूर्योदय कालीन नक्षत्र- पूर्वाषाढ़ा उपरांत उत्तराषाढ़ा, योग- सुकर्मा,करण-गर,

  • सूर्योदय कालीन ग्रह विचार-सूर्य-तुला, चंद्रमा- धनु, मंगल-तुला, बुध- तुला, गुरु-मेष, शुक्र-सिंह, शनि-कुंभ, राहु-मेष, केतु-तुला

नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की इस मंत्र से करें पूजा

नवरात्रि के सातवें दिन यानी महासप्तमी पर मां कालरात्रि की पूजा होती है. मां कालरात्रि का स्वरूप उनके नाम की तरह की घने अंधकार सा काला है. कालरात्रि मां के तीन नेत्र हैं, जोकि ब्रह्मांड की तरह गोल हैं. मां के इस रूप की सवारी गर्दभ यानी गधा है. उनका ऊपर उठा दाहिना हाथ वर मुद्रा में है, इस तरफ के नीचे वाले हाथ में अभय मुद्रा है. बाईं ओर ऊपर वाले हाथ में कांटा और नीचे वाले हाथ में खड्ग है. शास्त्रों के इस रूप के मुताबिक इस रूप में मां ने शुंभ और निशुंभ राक्षसों का वध किया था. मां कालरात्रि को महायोगेश्वरी, महायोगिनी और शुभंकरी भी कहा जाता है, माना जाता है कि इस रूप में मां की पूजा अर्चना करने से मां कालरात्रि अपने भक्तों को काल से बचाती है. कालरात्रि की पूजा करने से जातकों को अकाल मृत्यु का डर नहीं रहता है.

मां कालरात्रि पूजा मंत्र (Maa Kalratri Mantra)

‘ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ऊं कालरात्रि दैव्ये नम:

आज का पंचांग: 21 अक्तूबर 2023: चौघड़िया शनिवार

चौघड़िया के बारे में सटीक चौघड़िया सूची के साथ जानें और दिन का सबसे शुभ समय निर्धारित करें. यदि आप कुछ नया शुरू कर रहे हैं या यात्रा पर जा रहे हैं तो चौघड़िया से आप आज के शुभ मुहूर्त या सबसे अच्छे समय को पूर्व निर्धारित कर सकते हैं. जैसा कि नाम से पता चलता है, चौघड़िया, जो कि वैदिक हिंदू कैलेंडर है, जिसमें 96 मिनट की ‘चार घड़ी’ शामिल हैं, जिसमें प्रत्येक घड़ी 24 मिनट के बराबर है.

करने योग्य गति​विधियां

  • प्रात: 06:11 से 07:36 तक काल (मशीन, निर्माण और कृषि संबंधी गतिविधियां)

  • प्रातः 07:36 से 09:00 तक शुभ(विवाह, धार्मिक, शिक्षा गतिविधियां)

  • प्रातः 09:00 से 10:25 बजे तक रोग (वाद-विवाद, प्रतियोगिता, विवाद निपटारा)

  • प्रातः 10:25 बजे से 11:50 बजे तक उद्वेग (सरकार से संबंधित कार्य)

  • दोपहरः 11:50 से 13:14 बजे तक चर (यात्रा, सौंदर्य, नृत्य, सांस्कृतिक गतिविधियां)

  • दोपहरः 13:14 से 14:39 बजे तक लाभ (नया व्यवसाय, शिक्षा प्रारंभ करें)

  • दोपहरः 14:39 से 16:03 बजे तक अमृत (सभी प्रकार के कार्य, विशेष रूप से दुग्ध उत्पाद संबंधित)

  • शामः 16:03 से 17:28 तक काल (मशीन, निर्माण और कृषि संबंधी गतिविधियां)

उपाय

  • उपायः हनुमान चालीसा का पाठ करें और गुड़ आदि का दान करें।

  • आराधनाः ऊं सौम्यरुपाय विद्महे वाणेशाय धीमहि तन्नौ सौम्यः प्रचोदयात् ।।

  • खरीदारी के लिए शुभ समयः

  • दोपहरः 03:00 से 04:30 बजे तक

  • राहु काल: प्रात: 9:01 से 10:26 तक

  • दिशाशूल-नैऋत्य एवं पूर्व दिशा

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