लखनऊ: मऊ से विधायक अब्बास अंसारी (Abbas Ansari News) ने बुधवार देर शाम कालीबाग कब्रिस्तान जाकर पिता मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) की कब्र पर फातिहा पढ़ी. उसे सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद तीन दिन की अंतरिम जमानत पर गाजीपुर लाया गया है. शाम लगभग 7.05 बजे अब्बास अंसारी जेल की वैन से कब्रिस्तान पहुंचा. वहां मुख्तार अंसारी के परिवारीजन और अफजाल अंसारी भी मौजूद थे.
13 अप्रैल को वापस जाएगा अब्बास
मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) की मौत के 10वें दिन फातिहा पढ़ने का आयोजन था. इसके लिए अब्बास अंसारी (Abbas Ansari News) को कासगंज जेल से गाजीपुर (Ghazipur) लाया गया है. सु्प्रीम कोर्ट ने अब्बास अंसारी को तीन दिन की अंतरिम बेल दी है. इन तीन दिनों में अब्बास 10 अप्रैल को अपने पिता मुख्तार अंसारी की कब्र पर फातिहा पढ़ने की अनुमति दी गई थी. 11 व 12 अप्रैल को वो अपने परिवारीजनों से मिलेगा. 13 अप्रैल को अब्बास को वापस कासगंज जेल लाया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने अब्बास अंसारी को मीडिया से बात करने की अनुमति नहीं दी है.
परिवार भी साथ में था मौजूद
अब्बास अंसारी के कब्रिस्तान पहुंचने के दौरान पुलिस और पैरा मिलिट्री के जवान भी तैनात थे. ड्रोन से इस प्रक्रिया पर नजर रखी जा रही थी. मीडिया को भी अब्बास अंसारी (Abbas Ansari) से दूर रखा गया था. बताया जा रहा है कि शाम 6.17 बजे आफ्तारी करने के बाद अब्बास 7.05 बजे कब्रिस्तान पहुंचा. वहां लगभग 15 से 20 मिनट फातिहा पढ़ने के बाद उसे वापस गाजीपुर जेल ले जाया गया. कब्रिस्तान पर अब्बास के साथ सांसद अफजाल अंसारी, विधायक सुहैब अंसारी, मुख्तार अंसारी का छोटा बेटा अमर अंसारी व अन्य लोग मौजूद थे.
28 मार्च को हुई थी मुख्तार अंसारी की मौत
मुख्तार अंसारी की 28 मार्च को हार्ट अटैक से बांदा मेडिकल कॉलेज में मौत हो गई थी. कासगंज जेल में बंद होने के कारण अब्बास अंसारी (Abbas Ansari) पिता के अंतिम संस्कार में नहीं पहुंच पाया था. उसने हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से अंतिम संस्कार में शामिल होने की अनुमति मांगी थी. लेकिन प्रार्थना पत्र पर सुनवाई नहीं हो पाई थी. अब 10 अप्रैल को मुख्तार अंसारी की फातिहा (विशेष प्रार्थना) है. जेल में बंद विधायक अब्बास अंसारी (Abbas Ansari) के वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट में संशोधित याचिका दाखिल करके फातेहा में शामिल होने की अनुमति मांगी थी. इसी याचिका पर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अब्बास अंसारी को तीन दिन की अंतरिम जमानत दी है.
क्या है फातिहा
फातिहा में मृतक के लिए दुआ करते हैं. इसे आसान शब्दों में प्रार्थना भी कह सकते हैं.