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रोली और ऋचा पर कार्रवाई से समाजवार्दी पार्टी ने क्या दिया संदेश, जनता की बनेगी आवाज!

स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) के खिलाफ बयानबाजी करने वाली सपा महिला नेता रोली तिवारी मिश्रा और ऋचा सिंह को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाकर आने वाले दिनों की राजनीति की संदेश दे दिया है. इस बार सपा 85 फीसदी जनता की आवाज बनने के लिये तैयार खड़ी है.

By Amit Yadav | February 16, 2023 9:43 PM

Lucknow: समाजवादी पार्टी ने रोली तिवारी मिश्रा और ऋचा सिंह पर कार्रवाई करके भविष्य की राजनीति का नया संदेश दे दिया है. क्या इस बार वह खुलकर 85 फीसदी जनता की लड़ाई लड़ेगी. खुद को कई बार खुले मंच से शूद्र कहने वाले सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का यह कड़ा फैसला माना जा रहा है. दोनों ही महिला नेता लगातार पार्टी में बड़ा कद रखने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य पर हमलावर थीं और पार्टी भी इन महिला नेताओं पर बोलने से बच रही थी. लेकिन इस कार्रवाई से सपा की भविष्य की राजनीति की दिशा पर चर्चा शुरू हो गयी है.

क्या है नया समीकरण 

समाजवार्दी पार्टी लगातार कई चुनाव हार चुकी है. उसके हर एजेंडे को बीजेपी ने चुनाव दर चुनाव मात दी है. सपा के गठबंधन भी हर चुनाव में फेल हुए हैं. लेकिन लोकसभा चुनाव 2024 के लिये अखिलेश यादव अलग ही बिसात बिछा रहे हैं. चाचा शिवपाल यादव को साथ लाने के साथ ही पिछड़ों और शूद्रों की तरफदारी करके उन्होंने नये समीकरण के साथ मैदान में उतरने का संदेश दे दिया है.

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क्या होगी 85 -15 की राजनीति

आमतौर पर अखिलेश सभी जातियों को साथ लेकर चलने का संदेश देते हैं. लेकिन इस बार जब स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरित्रमानस की चौपाइयों को लेकर टिप्पणी की तो वह कुछ दिन शांत रहे थे. लेकिन अचानक उन्होंने स्वामी प्रसाद मौर्य को जातीय जनगणना का मुद्दा उठाने की जिम्मेदारी देकर उनको खुला समर्थन दे दिया. लेकिन उनके इस समर्थन का दबे स्वर में पार्टी में ही सवर्ण नेताओं ने विरोध शुरू किया. धीरे-धीरे यह विरोध ट्विटर पर बयानबाजी के रूप में सामने आ गया.

रोली ने अखिलेश यादव को कहा था ‘अहीर का छोरा’

यहां तक कि रोली तिवारी मिश्रा ने एक ट्वीट में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को ‘अहीर का छोरा’ लिखकर टिप्पणी की थी. इसके बाद से ही माना जाने लगा था कि अब रोली तिवारी समाजवादी पार्टी में ज्यादा दिन की महमान नहीं हैं. इस ट्वीट के बाद आखिरकार उनको ऋचा सिंह सहित गुरुवार को पार्टी से निकाल दिया गया.

स्वामी का किया था खुला विरोध

समाजवादी पार्टी के महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) के खिलाफ डॉ. रोली तिवारी मिश्रा ने एनएसए लगाने की मांग की थी, तो रिचा सिंह ने मौर्य के पुराने वीडियो जारी किये हैं, साथ ही उन पर धार्मिक उन्माद फैलाने का आरोप लगाया था. रोली तिवारी मिश्रा ट्वीट करके कहा था कि हर तरफ सनातन धर्म के खिलाफ साजिश कर, हिंदू जातियों को बांटकर क्या देश में “गृहयुद्ध” जैसी भूमिका रची जा रही है ?

बीजेपी को भी उकसा रहीं थीं रोली तिवारी 

एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा था कि स्वामी प्रसाद जी द्वारा श्रीरामचरितमानस के अपमान पर @BJP4Delhi में चुप्पी क्यों है ? क्या अब @BJPCentralMedia के लोग श्रीरामजी के सम्मान की बात नहीं करेंगे ? कहीं समाजवादी पार्टी को बर्बाद करने के लिए सारा मैच फिक्स तो नहीं है ? साथ ही दो फोटो भी शेयर किये हैं. एक फोटो में स्वामी प्रसाद मौर्य डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य से गले लगते हुए दिख रहे हैं तो दूसरी में उनकी बेटी संघमित्रा मौर्या एक मंदिर में भगवा ध्वज हाथ में लिये दिख रही हैं. उन्हें लगातार कई ट्वीट इस संबंध में किये हैं.

रिचा सिंह स्वामी के पुराने बयानों को लेकर थीं हमलावर

वहीं सपा की पूर्व प्रवक्ता रिचा सिंह ने भी स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है. उन्होंने 2 फरवरी को एक ट्वीट में मौर्य का एक वीडियो जारी किया है. इसमें वह सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के खिलाफ बयान दे रहे हैं. इसी ट्वीट में रिचा ने लिखा है कि ‘आदिकाल में लिखी गई चौपाइयों पर बात होगी तो, तो पूर्व में दिए गए इन अराजक वक्तव्यों पर भी बात होगी!! पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव जी जिनका विज़न विकास का था उनके लिए दिए गए इस तरीके के बयान पर स्वामी प्रसाद मौर्या जी पहले आप सार्वजनिक रूप से माफी मांगिये.’

रिचा ने स्वामी को कहा था घुमंतू नेता

रिचा सिंह ने अपने एक ट्वीट में स्वामी प्रसाद मौर्य को घुमंतू नेता कहा है. उन्होंने लिखा है कि घुमंतू नेता कब क्या कहेंगे कुछ भरोसा ही नहीं है @SwamiPMaurya जी का. राष्ट्रीय अध्यक्ष @yadavakhilesh जी के लिये दिए पूर्व में दिये इस बयान पर माफ़ी मांगनी चाहिये. इनको और बताना चाहिये कि ये तब ग़लत हैं या अब? हालांकि रिचा सिंह का ट्विटर पर विरोध भी जारी है.

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