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अतीक की मौत के बाद गुर्गों में अरबों की संपत्ति – वर्चस्व की जंग, पुलिस गैंगवार को टालने की तैयारी में जुटी

उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा उन सभी लोगों पर कड़ी नजर रखी जा रही है जो अतीक और अशरफ से जुड़े हुए हैं और विभिन्न आपराधिक मामलों में उनके साथ सह-आरोपी हैं. रियल एस्टेट कारोबार और इसके मुनाफे को लेकर अतीक के गिरोह के सदस्यों के बीच मतभेद के इनपुट हैं. पुलिस इस गैंगवार को टालने में जुट गयी है.

लखनऊ. प्रयागराज माफिया से नेता बने अतीक अहमद और उसके भाई खालिद अज़ीम (उर्फ अशरफ) की मौत के बाद,उसके गुर्गे उसके कई सौ करोड़ के अवैध साम्राज्य पर नियंत्रण करने के लिए आपस में लड़ सकते हैं. पुलिस को संदेह है कि माफिया की जगह लेने और अवैध कारोबार के वर्चस्व के लिए संघर्ष (गैंगवार) की अधिक संभावना है. अतीक के गुर्गों को लगता है कि अब उसका कोई भी बेटा उसके अवैध संचालन को चलाने की स्थिति में नहीं है. हालांकि अतीक के पांच बेटे थे, उनमें से एक असद पुलिस मुठभेड़ में मारा गया था. बड़े दो – बेटे उमर और अली जेल में बंद हैं . छोटे दो (दोनों नाबालिग) बेटा भी सरकार की देखरेख में हैं. यही कारण है कि अतीक के कई गुर्गे अब उसके अवैध कारोबार पर कब्जा करना चाह रहे हैं.

प्रयागराज में अतीक अहमद गिरोह में वर्चस्व की जंग

पुलिस महानिदेशक और गृह सचिव को एक रिपोर्ट में यूपी पुलिस की इंटेलीजेंस यूनिट ने इनपुट दिया है. कई तथ्यों – हालातों और उदाहरणों के आधार पर यूपी पुलिस संभावना जता रही है कि अतीक अहमद गिरोह में वर्चस्व के विवाद के परिणामस्वरूप प्रयागराज में गैंगवार हो सकता है. वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की है. इसे रोकने के लिए पुलिस अपनी तैयारी कर रही है. गिरोह के अधिक से अधिक सदस्यों को उन अपराधों में गिरफ्तार कर रही है जिनमें वह वांछित हैं. गिरोह के अधिकांश सदस्य विभिन्न अपराधों में गिरफ्तार से बचने के लिए फरार चल रहे हैं.

अतीक और अशरफ को गिरफ्तारी के बाद से ही मिलने लगा था धोखा

अतीक और अशरफ की गिरफ्तारी के बाद गिरोह के कई साथियों और सदस्यों ने उन्हें धोखा देना शुरू कर दिया था. कुछ लोगों ने अतीक, अशरफ और उनके वफादार सहयोगियों के खिलाफ गिरोह से खुद को दूर करने और अतीक द्वारा उनके नाम पर खरीदी गई जमीन को हड़पने के लिए प्राथमिकी भी दर्ज कराई. अतीक के रिश्तेदार और एक समय के सहयोगी जीशान (उर्फ जानू) ने अतीक के बेटे अली और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ दिसंबर 2021 में जबरन वसूली की प्राथमिकी दर्ज कराई थी. बाद में अली ने उसी मामले में आत्मसमर्पण कर दिया और जेल चला गया.

अतीक के आईएस-227 नाम के गिरोह में 135 से ज्यादा सदस्य

पुलिस गिरोह के उन सदस्यों पर भी नजर रख रही है जो अभी जमानत पर बाहर हैं और कई सालों से निष्क्रिय हैं, पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, अतीक के आईएस-227 नाम के गिरोह में 135 से ज्यादा सदस्य हैं. पुलिस सूत्रों का कहना है कि अतीक के गिरोह के कई सदस्यों की प्रवृत्ति स्थिति के अनुसार अपनी रणनीति बदलने की है. अतीक के गिरोह के विश्लेषण से पता चलता है कि कई सदस्य परिस्थितियों के अनुकूल होने पर सक्रिय हो जाते हैं. कार्रवाई के दौरान वे निष्क्रिय रहते हैं.

गैंग में सैकड़ों बीघे जमीन के मालिकाना हक को लेकर लड़ाई

अतीक और अशरफ की मौत के बाद अतीक के पूर्व सहयोगी उसके बेटों और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करा रहे हैं. बिल्डर मोहम्मद मुस्लिम ने शुक्रवार को अतीक के बेटों उमर और अली पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए रंगदारी और अपहरण का मामला दर्ज कराया है. पुलिस अधिकारियों को आशंका है कि अतीक के कई और सहयोगी अब उसके बेटों और गिरोह के अन्य सदस्यों के खिलाफ मामले दर्ज कराने के लिए आगे आ सकते हैं. गिरोह के सदस्य सैकड़ों बीघे जमीन के मालिकाना हक को लेकर भी आपस में भिड़ सकते हैं, जिस पर अतीक ने अवैध रूप से कब्जा कर रखा है।

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