अयोध्या : अयोध्या मुद्दे पर नवंबर में फैसला आने के बाद उम्मीद की जा रही थी कि रामनवमी पर अयोध्या एक बार फिर खिल उठेगी लेकिन कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए किये गये लॉकडाउन से हर साल रामनवमी के मौके पर भक्तों की भीड़ से गुलजार रहने वाली रामनगरी इस बार बिल्कुल सूनी है.जिले की सीमाएं सील कर दी गयी हैं और नगर पूरी तरह लॉकडाउन है। 21 दिन के लॉकडाउन की घोषणा के बाद धाम की सीमा को भी सील कर दिया गया है. मंदिरों में न धार्मिक अनुष्ठानों की धूम है, न ही सोहर गान हो रहे हैं.रामनवमी मेले में यह पहली बार है जब सरयू घाट से लेकर मठ-मंदिरों में सन्नाटा पसरा हुआ है.
संत-धर्माचार्य कहते हैं कि कोरोना से बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग जरूरी है. इसलिए गुरुवार को राम जन्मोत्सव का पर्व सीमित अनुष्ठानों के बीच मठ-मंदिरों में ही मनाया गया. इसके पहले प्रदेश सरकार ने भी लोगों से रामनवमी पर्व घर पर ही मनाने की अपील की थी. रामनवमी पर्व पर जहां हर वर्ष 15 से 20 लाख श्रद्धालु अयोध्या में आते थे. इस वर्ष अयोध्या सन्नाटे में डूबी हुई है. भक्त अपने आराध्य का दर्शन लॉकडाउन की वजह से नहीं कर पा रहे हैं. ऐसा कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं हो रहा है जिसमें भक्तों की भीड़ उमड़ सके. मठ मंदिरों के व्यस्थापकों ने श्रद्धालुओं से रामनवमी पर्व पर रामनगरी न आने की भी अपील की थी.