Agriculture News: किसानों को वर्षाकालीन सब्जियों लौकी, तोरई, काशीफल व टिंडा बुआई की सलाह

कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को सब्जी बुआई समय से पूरा करने सलाह दी है. कीटों से बचाने के लिये ऊंची बेड पर नर्सरी लगाने के लिये कहा गया है. वर्षाकालीन सब्जियों जैसे लौकी, तोरई, काशीफल व टिंडा की बुआई करने के लिये कहा गया है.

By Amit Yadav | July 1, 2023 5:12 PM

लखनऊ: क्रॉप वेदर वॉच ग्रुप ने मानसून एक्टिव होते ही अपनी एडवाइजरी जारी की है. धान की रोपाई के साथ ही कृषि विशेषज्ञों ने सब्जियों, आम, मूंगफली की खेती से जुड़े किसानों के लिये विशेष सलाह जारी की है. खासतौर से किसान कौन सी सब्जी लगाएं और कैसे अच्छा उत्पादन मिले इसकी जानकारी दी गयी है.

कृषि विशेषज्ञों की राय है कि खरीफ सब्जियों जैसे बैंगन, मिर्च, फूलगोभी की अगेती किस्मों की नर्सरी में बुआई करें. नर्सरी को कीटों से बचाने के लिये लो टनेल पॉलीहाऊस का प्रयोग करें. ऊंची बेड पर ही नर्सरी डालें. नर्सरी में जल निकास की उचित व्यवस्था करें. भिंडी व लोबिया की बुआई करें. हल्दी एवं अदरक की बुवाई जितनी जल्दी हो समाप्त करें. नये बागों में भी इनकी बुआई की जा सकती है. वर्षाकालीन सब्जियों जैसे लौकी, तोरई, काशीफल व टिंडा की बुआई करें.

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क्रॉप वेदर वॉच ग्रुप के विशेषज्ञों के अनुसार बागवानी के क्षेत्र में आम के बागों में फल मक्खी की संख्या जानने और उसके नियंत्रण करना भी जरूरी है. इसके लिये कार्बरिल 0.2 प्रतिशत+प्रोटीन हाइड्रोलाइसेट या सीरा 0.1 प्रतिशत अथवा मिथाइल यूजीनाल 0.1 प्रतिशत + मैलाथियान 0.1 प्रतिशत के घोल को डिब्बों में डालकर पेड़ों पर ट्रैप लगायें. पौध प्रवर्धन के लिये आम में ग्राफ्टिंग का कार्य करें.

किसानों को सलाह दी गयी है कि मूंगफली की उन्नतिशील किस्मों चंदा उपरहार उत्कर्ष एम-13 अम्बर चित्रा (एम. ए. 10). कौशल (जी. 201), टी.जी. 37ए. प्रकाश की बुआई जुलाई प्रथम सप्ताह तक पूर्ण कर लें. इसके बाद बुआई करने पर फसल में बहनिकोसिस बीमारी लगने की संभावना ज्यादा होती है.

गन्ना में चोटी बेधक के प्रभावी नियंत्रण के लिये फ्यूराडन किग्रा (सकिय तत्व) या क्लोरेटेन्लीप्रोल 375 एम. एल. प्रति हे. की दर से खेत में पर्याप्त नमी की अवस्था में प्रयोग करें. चूसक कीट का प्रकोप होने पर इमिडाक्लोप्रिड 17.8 एस.एल का 200 एम. एल. / हे छिड़काव करें. लाल सहन बीमारी के लक्षण दिखने पर प्रभावित पौधों को जड़ सहित निकाल कर 10-20 ग्राम ब्लीचिंग पाऊडर अथवा 0.2 प्रतिशत थायोफिनेट मिथाइल की जड़ों के पास ड्रेसिंग करें. शरदकालीन गन्ने में पोक्काबोइंग रोग दिखने पर 0.1 प्रतिशत कार्बेन्डाजिम अथवा 0.2 प्रतिशत कापर आक्सीक्लोराइड का छिड़काव करें.

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